फायर सेफ्टी के जमा नहीं किए दस्तावेज
बैतूल – Private Hospital – मध्यप्रदेश के जबलपुर के एक अस्पताल में लगी आग में मरीजों सहित परिजनों के जिंदा जलने के बाद स्वास्थ्य महकमे द्वारा जिले में संचालित अस्पतालों का फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए थे। इसके लिए नगर पालिका ने भी नोटिस थमाया गया था। ताजा जानकारी में जिले के निजी 36 अस्पतालों में से 30 ने ही यह प्रक्रिया पूर्ण की है। जबकि 6 निजी अस्पतालों ने इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया है जिससे उनकी मान्यता निरस्त हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि जबलपुर अस्पताल में हुए अग्रिकाण्ड के बाद प्रदेश में हडक़म्प मच गया था। बैतूल में भी फायर सेफ्टी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया था। जिले के सभी निजी नर्सिंग होम और सरकारी अस्पतालों की जांच की जा रही थी। जांच में फायर सेफ्टी आडिट और एनओसी का सत्यापन किया गया था। सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी ने बताया कि सभी के दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं। जिनके दस्तावेज वैध पाए जाएंगे उनका भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा। इसके अलावा जिनके दस्तावेज की एक्सपायरी हो गई है और उन्होंने सेफ्टी फायर आडिट नहीं कराया और एनओसी नहीं ली उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। निजी नर्सिंग होम और सरकारी अस्पतालों की जांच की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जहां पर फायर सेफ्टी को लेकर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
जिले में हैं 85 अस्पताल
जबलपुर के निजी नर्सिंग होम में आग लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग और वे संस्थाएं जो फायर सेफ्टी के लिए काम करती हैं वो अलर्ट हो गई हैं। बैतूल जिलेे में निजी नर्सिंग होम और सरकारी अस्पताल की संख्या 85 हैं जहां पर फायर सेफ्टी के इंतजाम होना चाहिए। बैतूल जिले में 36 निजी नर्सिंग होम हैं, इसके अलावा 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 33 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 3 शहरी स्वास्थ्य केंद्र और 1 जिला अस्पताल है जहां पर अग्रि सुरक्षा को लेकर इंतजाम पुख्ता होना चाहिए। अब इनकी जांच हो रही है। अगर नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
नगर पालिका ने 31 को जारी किए थे नोटिस
फायर सेफ्टी को लेकर बैतूल शहरी क्षेत्र में मानीटरिंग करने का कार्य नगर पालिका करती है। सीएमओ अक्षत बुंदेला ने बताया कि नगर पालिका ने कुछ महीने पहले 31 नोटिस जारी किए थे। इनमें नर्सिंग होम, शॉपिंग माल, काम्प्लेक्स और कर्मिशियल बिल्डिंग शामिल हैं जहां पर फायर सेफ्टी के इंतजाम होना चाहिए। नोटिस जारी होने के बाद कुछ लोगों ने गंभीरता दिखाई थी और उन्हें फायर सेफ्टी आडिट कराने के बाद एनओसी ले ली। जो लोग बाकी है उनके खिलाफ नोटिस जारी किए जाएंगे। श्री बुंदेला ने बताया कि इसके लिए एनओसी नर्मदापुरम संभाग के नगरीय निकाय के ज्वाईन डायरेक्टर के द्वारा दी जाती है। संबंधितों को नगर पालिका ने प्रक्रिया और नियम बता दिए थे।