राजनैतिक समीक्षा – नवनीत गर्ग
अलग-अलग दलों में तलाश रहे राजनैतिक भविष्य
बैतूल – Political News On Doctors – जिले में 7-8 वर्षों के परिश्रम और राजनैतिक प्रयासों से जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं आमला क्षेत्र के मूल निवासी डॉ. योगेश पंडाग्रे आज जिले के एकमात्र भाजपा विधायक के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं।

2013 से 2018 के दौरान डॉ. पंडाग्रे पहली बार भाजपा के चिकित्सा प्रकोष्ठ एवं अन्य माध्यमों से राजनीति में सक्रिय हुए और उन्होंने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित आमला क्षेत्र को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। लेकिन उन्हें भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में अवसर दिया और इसे संयोग कहे कि इस चुनाव में जहां जिले की सभी चारों विधानसभा सीटों से भाजपा के दिग्गज चुनाव हार गए। वहीं राजनीति में नए नवेले डॉ. पंडाग्रे लगभग 20 हजार वोटों के बड़े अंतर से निर्वाचित हो गए। और राजनैतिक गलियारों में ऐसा माना जा रहा है जिस तरीके से डॉ. योगेश पंडाग्रे पिछले चार वर्षों से राजनीति में ईमानदारी से सक्रिय हैं। उसके चलते 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा इन्हें आमला से अवसर देगी। डॉ. योगेश पंडाग्रे की राजनैतिक सफलता को देखते हुए आरक्षित समूह के कई अन्य जिले के चिकित्सक भी चिकित्सा क्षेत्र के अलावा राजनीति में भी अपना भविष्य ढूंढ रहे हैं। जहां डॉ. योगेश पंडाग्रे भाजपा में हैं वहीं बाकी चिकित्सकों में कुछ भाजपा, कुछ कांग्रेस और कुछ जयस से टिकट के प्रयास में है।
होर्डिंग्स में चमक रहे डॉ. पद्माकर(Political News On Doctors)

वैसे तो अभी लोकप्रिय चिकित्सक डॉ. रूपेश पद्माकर शासकीय चिकित्सालय में बैतूल में पदस्थ हैं। लेकिन इनके द्वारा सामाजिक क्षेत्र में सक्रियता यह संकेत दे रही है कि भविष्य में डॉक्टर रूपेश राजनीति के माध्यम से भी लोगों की सेवा करने के लिए आगे आ सकते हैं। हाल ही में उनके जन्मदिन के अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में उनके जन्मदिन के बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं जो यह संकेत दे रहे हैं कि डॉक्टर पद्माकर भी सक्रिय होंगे।
जमीन से जुड़े हैं डॉ. काकोडिय़ा(Political News On Doctors)

अपने परिवार में सबसे अधिक शिक्षित और बेहद गरीब परिवार से आने वाले डॉ. रमेश काकोडिय़ा ने अपनी मेहनत से चिकित्सा की पढ़ाई करी और आज शहर के प्रमुख चिकित्सकों में गिने जाने लगे। पिछले कुछ समय से डॉ. काकोडिय़ा भी एक विधानसभा विशेष में सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। उनका मानना है कि इस माध्यम से वह लोगों की सेवा कर रहे हैं। लेकिन उनका भी राजनीति में आना निश्चित माना जा रहा है।
लंबे समय से भाजपा में सक्रिय हैं डॉ. महेंद्र

1972 में भैंसदेही विधानसभा सीट से जनसंघ की विचारधारा के निर्दलीय चुनाव जीते काल्या सिंह चौहान के पुत्र डॉ. महेंद्र सिंह चौहान ने वैसे तो बैतूल में बड़ा चिकित्सालय निर्मित किया है। लेकिन लंबे समय से डॉ.चौहान भाजपा की राजनीति में अतिसक्रिय हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें भैंसदेही से भाजपा की टिकट पर चुनाव लडऩा है। वैसे भी पूर्व विधायक महेंद्र सिंह चौहान के चुनाव हारने के बाद यह माना जा रहा है कि भाजपा इस बार नए उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी। अभी यह तय नहीं है कि फिर एक बार महेंद्र सिंह चौहान नाम के डॉक्टर को मौका मिलेगा या फिर किसी और को।
सामाजिक-धार्मिक क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके डॉ. राहुल

2004 में बैतूल जिला चिकित्सालय से अपनी शासकीय सेवा प्रारंभ करने वाले डॉ. राहुल श्रीवास्तव आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है भले ही वह आज इंदौर में पदस्थ हैं लेकिन बैतूल के विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में भी उतने ही सक्रिय है जैसे बैतूल के सामाजिक बंधु हैं। कायस्थ समाज के चित्रांश परिवार से जुड़े डॉ. राहुल धार्मिक मंडली के प्रमुख के रूप में सभी सामाजिक बंधुओं को जोड़े हुए हैं। वैसे तो अभी उनका राजनीति में उतरने की दूर-दूर तक कोई संभावना नजर नहीं आ रही है लेकिन राजनैतिक सूत्रों का ऐसा मानना है कि यदि उन्हें अवसर मिला तो निश्चित रूप से वह भी अपना भाग्य आजमा सकते हैं।