Order: उम्र निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड वैध दस्तावेज नहीं: सुप्रीम कोर्ट

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Order: सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी व्यक्ति की उम्र का निर्धारण आधार कार्ड पर अंकित जन्म तिथि के आधार पर नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि उम्र का निर्धारण स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SLC) में दी गई जन्म तिथि के अनुसार होना चाहिए।

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यह निर्णय एक सड़क दुर्घटना में मुआवजे से जुड़े मामले में आया, जिसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आधार कार्ड पर लिखी जन्म तिथि को सही मानते हुए मुआवजे की राशि को घटाया था। दुर्घटना 2015 में हुई थी, और मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के आधार पर 19.35 लाख रुपये मुआवजे का आदेश दिया था। हालांकि, बीमा कंपनी की अपील पर उच्च न्यायालय ने आधार कार्ड की जन्म तिथि को मान्य मानते हुए मुआवजा घटाकर 9.22 लाख रुपये कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए MACT के निर्णय को सही ठहराया और मुआवजे की राशि को 19.35 लाख रुपये बहाल किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उम्र के निर्धारण के लिए किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 94 के तहत स्कूल छोड़ने के प्रमाणपत्र में उल्लिखित तिथि को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, न कि आधार कार्ड में दी गई तिथि को।

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