16 दिन श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश रहेगा बंद
No Mobile Zone – प्रसिद्ध महाकाल मंदिर परिसर को नो मोबाइल जोन बनाने के निर्णय के बाद अब आज मंगलवार से परिसर में मोबाइल पूरी तरह बैन कर दिए गए हैं। ये निर्णय फिल्मी गानों पर वीडियो बनाकर वायरल करने के मामले सामने आने के बाद मंदिर प्रबंधन द्वारा लिया गया है। 2 हफ्ते पहले हुए निर्णय के बाद से ही व्यवस्थाएं बनाना शुरू कर दी थी। हालांकि महाकाल लोक में मोबाइल के प्रतिबंध पर रोक नहीं रहेगी।
तीन जगह जमा होंगे मोबाइल(No Mobile Zone)
मंदिर प्रशासक के अनुसार श्रद्धालु तीन स्थानों पर मोबाइल जमा करवा सकेंगे। इसके लिए यहां लॉकर्स स्थापित किए गए हैं। परिसर में मोबाइल का उपयोग करते पाए जाने पर 200 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। लॉकर्स में मोबाइल रखने के बाद क्यूआर कोड टोकन दिया जाएगा। एक ही लॉकर में एक समूह में आने वाले या एक ही परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल एक साथ रखे जा सकेंगे। क्यूआर कोड टोकन इसलिए दिया जाएगा कि संबंधित श्रद्धालुओं को वही मोबाइल मिले।
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रोकी गई भस्म आरती बुकिंग
मंदिर समिति ने 31 दिसंबर और 1 जनवरी की ऑनलाइन भस्म आरती बुकिंग रोक दी है। इसके अलावा 7 से 13 जनवरी तक की ऑनलाइन भस्म आरती बुकिंग भी ब्लॉक की गई है। साल के आखिरी और शुरुआती दिनों में महाकाल में भीड़ बहुत बढ़ जाती है। हर साल की तरह इस बार भी प्रशासन ऑफलाइन, प्रोटोकॉल और सामान्य दर्शनार्थियों के लिए दो दिन (31 दिसंबर और 1 जनवरी) भस्म आरती की अनुमति जारी करेगा।
यहां जमा होंगे मोबाइल(No Mobile Zone)
- मानसरोवर गेट: यहां पर त्रिवेणी संग्रहालय की ओर से आने वाले श्रद्धालु अपने मोबाइल रख सकेंगे। यहां पर सबसे ज्यादा 6 हजार लॉकर्स लगाए गए हैं।
- प्रशासनिक कार्यालय के सामने: यहां पर आम श्रद्धालु, भस्म आरती के लिए नंदी हॉल की अनुमति वाले श्रद्धालु मोबाइल रख सकेंगे। यहां दो हजार लॉकर्स रहेंगे।
- गेट नंबर 4-5 व कोटितीर्थ कुंड द्वार: यहां पर प्रोटोकॉल की अनुमति वाले और वीआईपी अपने मोबाइल रख सकेंगे। यहां दो हजार लॉकर्स रहेंगे।
सभी तीन स्थानों पर मोबाइल जमा करने वाले श्रद्धालुओं के फोटो भी खींचे जाएंगे, जिससे मोबाइल लौटाने में मंदिर प्रशासन को परेशानी का सामना न करना पड़े।
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24 दिसंबर से 5 जनवरी तक गर्भगृह में प्रवेश बंद
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में 24 दिसंबर से 5 जनवरी (16 दिन) तक श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश बंद रखने का निर्णय हुआ है। इस दौरान केवल मंदिर के पंडे-पुजारी ही गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे। अन्य दर्शनार्थी बैरिकेड्स के बाहर से दर्शन लाभ ले सकेंगे।
टोकन गुम होने पर क्या करें(No Mobile Zone)
मोबाइल जमा होने के बाद श्रद्धालुओं को जारी क्यूआर कोड का टोकन गुम होने पर संबंधित श्रद्धालु इसकी शिकायत मंदिर के प्रशासनिक कार्यालय पर कर सकता है। वहां पर वे मोबाइल से जुड़ी जानकारी जैसे नंबर, कंपनी, कलर, मॉडल और रखने के समय की जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके बाद मंदिर के क्यूआर कोड से उसका मिलान किया जाएगा। उसके आधार पर संबंधित श्रद्धालु को मोबाइल लौटा दिया जाएगा।
सुरक्षाकर्मी, मंदिर के अफसर-कर्मचारियों को भी लेनी होगी अनुमति
मंदिर में मोबाइल पर प्रतिबंध से सुरक्षाकर्मी, मंदिर के अफसर-कर्मचारी भी अछूते नहीं रहेंगे। प्रशासक ने बताया कि सुरक्षाकर्मी के साथ मंदिर के अफसर, कर्मचारियों को मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष से अनुमति लेना होगी। बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति मोबाइल का उपयोग नहीं कर पाएगा। इसके लिए अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
श्रद्धालुओं को यह हो सकती परेशानी(No Mobile Zone)
- मोबाइल जमा कराने और वापस लेने के लिए उन्हें अतिरिक्त समय खर्च करना होगा। उन्हें मोबाइल वापस लेने के लिए फिर से प्रवेश द्वार पर जाना होगा। इससे प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी।
- मोबाइल जमा करने की रसीद गुम हो जाने पर उन्हें वापस लेने के लिए परेशान होना पड़ेगा। मोबाइल जमा हो जाने के बाद वे किसी से संपर्क नहीं कर सकेंगे। भीड़ में परिवार के सदस्य इधर-उधर हो जाने पर वे एक-दूसरे को तलाशने के लिए परेशान होंगे।
- यदि किसी पुजारी-पुरोहित से मंदिर के भीतर संपर्क करना हो तो वे उन्हें तलाशने के लिए मोबाइल का यूज नहीं कर पाएंगे। मंदिर के भीतर वे पुजारी-पुरोहित को दान-दक्षिणा ऑनलाइन नहीं दे सकेंगे, उन्हें नकद राशि ले जाना होगी।