Camel Pita hai Goh Ka Ras – आखिर ऊँट पालने वाले क्यों इस्तमाल करते हैं बड़ी छिपकली का रस, वजह जान हो जाएंगे है हैरान 

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Camel Pita hai Goh Ka Rasइंटरनेट कई सारे रहस्यों के जवाब संजोये हुए हैं। आपने ऊँट से जुड़ा एक रहस्य तो सुना ही होगा की उसके मुँह में खतरनाक और जहरीला कोबरा रखा जाता है  वो भी एक बीमारी के कारण। इन दिनों ऊंट से जुड़ा एक और रहस्य चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसमे बताया जा रहा है की ऊँट को बड़ी छिपकली यानि गोह लिज़ार्ड का रस पिलाया जाता है। अब इसके पीछे क्या राज छिपा है ये आपको आगे पढ़ने मिलेगा। 

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आप सभी जानते हैं की ऊँट की कई खूबियां हैं ऊँट से लोग कई काम लेते हैं। ऊंट की सबसे बड़ी खूबी ये है की बिना पानी के कई दिनों तक ये जानवर जिंदा रह सकता है। ऊंट अपने कूबड़ में सैकड़ों लीटर पानी स्टोर करके रखता है। जब उसे पानी नहीं मिलता है तो वो इसी का इस्तेमाल करता है। चूंकि ऊंट से कई भारी-भरकम काम लिए जाते हैं, तो इस जानवर का तंदरुस्त रहना भी जरूरी होता है। इसके लिए इसे पालने वाले लोग कई टोटके करते हैं।

बड़ी छिपकली(गोह) के रस की कहानी(Camel Pita hai Goh Ka Ras)   

राजस्थान के ऊंट पालक बताते हैं कि वो ऊंटों को मजबूत बनाने के लिए गोह का रस पिलाते हैं। उनका मानना है कि इससे ऊंट काफी मजबूत बनता है। यहां ऊंट पालक ये भी बताते हैं कि केवल ऊंट ही नहीं बल्कि सख्त काम में प्रयोग लाए जाने वाले जानवरों को गोह का रस पिलाया जाता है। गौरतलब है कि ऊंट को कुछ लाइलाज बीमारी से बचाने के लिए कोबरा खिलाने की परंपरा है। ऐसा कहा जाता है कि जहरीले सांप खिलाने के कारण ऊंट की बीमारी का इलाज हो जाता है।

ऊंट को पिलाया जाता है गोह का रस(Camel Pita hai Goh Ka Ras)

इन दिनों दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम में ऊन का मेला लगा हुआ है। यहां राजस्थान के ऊंट पालक भी आए हुए हैं। उसी में एक पशुपालक ने जो एक बताई, वो अब इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन गई है जो की सबसे ज्यादा चौंकाती है, वह है सख्त काम करने वाले ऊंट के टॉनिक की। वह बताते हैं कि दौड़ में हिस्सा लेने वाले या पर गाड़ी में जुटने वाले ऊंट को एक खास तरह का टॉनिक जरूर दिया जाता है। यह टॉनिक होता है गोह का रस। गोह एक तरह की दैत्याकार छिपकली है। राजस्थान के मरुस्थल में यह काफी मिल जाती है। वह कहते हैं कि ऊंट इससे गजब की ताकत पा जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। जिन ऊंटों को खेती, माल ढुलाई या फिर दौड़ आती में लगाया जाता है, उनके लिए यह जरूरी टॉनिक है।

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वैसे ऊंटों को गोह का रस पिलाने की परंपरा कहां से आई, इसको लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। ऊंट पालक भी इसके पीछे किसी ज्ञात तारीख नहीं बता पाते हैं। दरअसल, ऊंट एक ऐसा जानवर है, जिसका कई प्रकार का इस्तेमाल किए जाता है। ये न केवल माल ढुलाई के काम में आता है बल्कि इससे मांस भी निकाला जाता है। ऐसे में ऊंटों को लेकर कई तरह की चीजें भी सामने आती हैं।

Source – Internet 

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