मोहन सरकार ने तय किया है कि अब कोई भी विभाग नई योजना का ऐलान खुद नहीं करेगा
Government scheme: मोहन सरकार ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और नई योजनाओं की घोषणा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अब किसी भी विभाग द्वारा नई योजना का ऐलान वित्त विभाग की स्वीकृति के बिना नहीं किया जा सकेगा। वित्त विभाग नई योजनाओं के लिए आवश्यक प्रावधान करेगा और जिन योजनाओं की उपयोगिता खत्म हो चुकी है, उन्हें अगले वित्त वर्ष में बंद कर दिया जाएगा।
प्रमुख निर्णय:नई योजना की घोषणा का तरीका:
कोई भी विभाग अगर नई योजना शुरू करना चाहता है, तो उसे उसका पूरा डेटा वित्त विभाग को देना होगा। इसके बाद ही योजना को प्रशासकीय स्वीकृति मिलेगी।
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जीरो बेस बजटिंग प्रक्रिया:
वर्ष 2025-26 के लिए जीरो बेस बजटिंग पर काम होगा। इसके अंतर्गत हर विभाग को उन योजनाओं की पहचान करनी होगी, जो अब उपयोगी नहीं हैं। विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बजट प्रस्ताव विस्तृत और तर्कसंगत हों, जिसमें स्पष्ट हो कि राशि क्यों और कैसे खर्च की जाएगी।
समन्वयन और मर्जिंग:
केंद्र और राज्य सरकार की समान योजनाओं का संविलयन करने का निर्णय लिया गया है। यदि किसी राज्य की योजना केंद्र की योजना से मेल खाती है, तो उसे केंद्र की योजना में मर्ज कर दिया जाएगा।
आफ-बजट संसाधन:
विभाग अपने अधीन कंपनियों, निगमों, मंडलों या अन्य संस्थाओं से लिए गए ऋण या आफ-बजट के माध्यम से जुटाए गए संसाधनों की जानकारी देंगे, जिससे राज्य सरकार के एकाउंट में उन्हें शामिल किया जा सके।
आगामी बजट प्रक्रियाओं की समय सीमा:
बजट अनुमान भेजने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2024 है।नई योजनाओं के प्रस्ताव 5 दिसंबर 2024 तक भेजे जाएंगे।विभागीय बैठकों की चर्चा 1 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 के बीच होगी।वित्त मंत्री और विभागीय मंत्रियों के बीच बजट पर चर्चा 27-30 जनवरी 2025 तक होगी।
भूमि आवंटन और बकाया गारंटी:
2023-24 और 2024-25 में किए गए भूमि आवंटन और बकाया गारंटी की जानकारी वित्त विभाग को 15 जनवरी तक भेजनी होगी।सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बजट प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी हो, और इसका उद्देश्य यह है कि अनावश्यक खर्च को रोका जा सके और संसाधनों का सही उपयोग हो।
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