दूसरे वार्डों से भी प्रत्याशियों को टिकट देने मुखर होने लगे स्वर
भोपाल/बैतूल – मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। 11 तारीख से नामांकन शुरू हो गए हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अध्यक्ष कमलनाथ के हवाले से 12 जून को एक आदेश जारी किया था। जिसमें यह बताया गया था कि नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषदों में कांग्रेस वार्ड प्रत्याशी उसी को बनाएगी जो उस वार्ड में रहता है एवं उसी वार्ड का मतदाता है। आदेश में यह भी उल्लेखित है कि किसी भी उम्मीदवार का वार्ड परिवर्तन नहीं होगा। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर के हस्ताक्षर से जारी इस आदेश में यह भी लिखा है कि उक्त निर्देश का आवश्यक रूप से पालन किया जाना अनिवार्य है।
विभिन्न नगरीय निकायों में पार्षद पद के लिए दावेदार नामांकन फार्म ले रहे हैं लेकिन नामांकन जमा करने की प्रक्रिया धीमी है। कांग्रेस में वार्डवासी वाले आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस के जिम्मेदार नेताओं का कहना है कि प्रत्याशी अगर दमदार और जीतने के काबिल हो तो दूसरे वार्ड के निवासी को भी पार्टी को टिकट देना चाहिए। अन्यथा कांग्रेस की जीत में बाधा आ सकती है। इस निर्देश को लेकर पुन: कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरिशंकर विजयवर्गीय ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करना संभव नहीं है। हमने 37 में से 26 वार्डों के प्रत्याशी चुन लिए हैं जिनमें कई ऐसे भी हैं जो दूसरे वार्डों के निवासी है। आरक्षण के कारण ऐसा करना पड़ रहा है।
वहीं नर्मदापुरम के कांग्रेस जिलाध्यक्ष सत्येंद्र फौजदार ने कहा है कि वैसे तो कांग्रेस के आदेश का पालन करेंगे। लेकिन हाईकमान के इस नए निर्देश से कुछ फीसदी फर्क होगा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के कट्टर समर्थक और प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा का तो कहना है कि प्रत्याशी अगर दमदार और जीतने के काबिल होगा तो पार्टी उन्हें दूसरे वार्ड से भी टिकट दे सकती है। कांग्रेस को उन सभी उम्मीदवारों का ध्यान रखना चाहिए जो जीत सकते हैं। फिर चाहे वह किसी भी वार्ड से हो।
राजनैतिक समीक्षकों का मानना है कि अगर कांग्रेस नेतृत्व से मिले निर्देशों का पूर्णत: पालन किया जाए तो कई जिलों में भ्रम की स्थिति बन जाएगी और कई सशक्त दावेदार चुनाव लड़ने से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में पार्टी में गुटबाजी का खतरा बढ़ जाएगा। और नाराज नेता निर्दलीय या आम आदमी पार्टी जैसे दलों से मैदान में उतरकर पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इनका कहना…
प्रदेश से आए निर्देश लागू हैं, अभी तक ऐसे कोई आदेश नहीं आए जिसमें कोई बदलाव हुआ हो। अगर ऐसी स्थिति बनती है कि उस वार्ड में चुनाव लड़ने लायक योग्य उम्मीदवार न हो या आरक्षण के अनुसार प्रत्याशी न हो, इसी स्थिति में प्रदेश की अनुमति लेकर दूसरे वार्ड का निवासी भी प्रत्याशी बन सकता है।
सुनील शर्मा, अध्यक्ष जिला कांग्रेस बैतूल