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गुजरात में कांग्रेस की ‘वोट चोरी’ रैली 31 अगस्त को, BJP पर लगाएगी गंभीर आरोप

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नई दिल्ली : राहुल गांधी के वोट चोरी वाले संदेश से प्रेरणा लेते हुए, गुजरात कांग्रेस 31 अगस्त को राजधानी अहमदाबाद में मतदाता सूची में कथित हेराफेरी से जुड़े खुलासे करने जा रही है. इसके बाद, कांग्रेस राज्यव्यापी अभियान चलाकर आरोप लगाएगी कि भाजपा पिछले तीन दशकों से राज्य में मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं के कारण चुनाव जीतती रही है.

एआईसीसी के गुजरात प्रभारी सचिव रामकिशन ओझा ने ईटीवी भारत को बताया, "मतदाता सूची में हेराफेरी सभी विधानसभा क्षेत्रों में हुई है. हम 31 अगस्त को अहमदाबाद में एक रैली करने जा रहे हैं ताकि पिछले कुछ वर्षों में गुजरात में हुई वोट चोरी के कुछ खुलासे किए जा सकें."

उन्होंने कहा, "इसके बाद हम मतदाता जागरूकता पैदा करने के लिए अपने अभियान को सभी बूथों तक ले जाएंगे. इसी तरह भगवा पार्टी दशकों से राज्य में जीतती आ रही है."

यह कदम 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है, जिसके लिए राहुल गांधी ने पिछले 30 वर्षों से गुजरात पर शासन कर रही भगवा पार्टी पर पलटवार करने के लिए पीसीसी प्रमुख से लेकर जिला प्रमुखों तक एक नई टीम गठित की है.

हालांकि यह पुष्टि नहीं हुई है कि राहुल गांधी 31 अगस्त के कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं, लेकिन राज्य के नेताओं ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को इसके लिए आमंत्रित किया गया है, क्योंकि यह बिहार यात्रा का विराम दिवस होगा.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, राज्य इकाई में इस मुद्दे को लेकर संदेह था, लेकिन योजनाबद्ध शोध हाल के महीनों में आने के बाद शुरू किया गया. शुरुआती शोध से पता चला कि पश्चिमी राज्य की सभी 182 विधानसभा सीटों पर मतदाता सूची में 10,000 से 12,000 वोटों की हेराफेरी हुई थी.

पूर्व राज्य इकाई प्रमुख परेश धनानी ने ईटीवी भारत को बताया, "हमें हमेशा से संदेह रहा है कि हर विधानसभा क्षेत्र में 10 हजार से 12 हजार वोटों में हेरफेर किया गया था. इसने भाजपा की जीत में भूमिका निभाई."

इसके अलावा, यह भी पता चला कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में, जहां चरणबद्ध तरीके से चुनाव हुए थे, बड़े पैमाने पर मतदाता दोहराव की घटनाएं हुई हैं. इसके अलावा, सौराष्ट्र क्षेत्र के मतदाता सूरत क्षेत्र के साथ-साथ पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में भी मतदान करते पाए गए.

एआईसीसी पदाधिकारी रुतविक मकवाना ने कहा, ‘‘हमने पूरे राज्य में शोध शुरू कर दिया है लेकिन चूंकि चुनाव आयोग मतदाता सूचियों की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध नहीं कराता है, इसलिए हार्ड कॉपी का विश्लेषण करने में काफी समय लग रहा है. फिर भी, हम यह पता लगाने में सक्षम रहे हैं कि मतदाता दोहराव एक समस्या थी. सूरत क्षेत्र के कई मतदाताओं ने सौराष्ट्र क्षेत्र में दोबारा मतदान किया. साथ ही, सौराष्ट्र क्षेत्र के कई मतदाताओं ने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में भी मतदान किया."

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने माना कि गुजरात पार्टी रणनीतिकारों के लिए एक चुनौतीपूर्ण राज्य रहा है, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने राज्य में लगातार चुनाव जीतते हुए स्वाभाविक सत्ता विरोधी भावना को आश्चर्यजनक तरीके से पराजित किया है.

कांग्रेस चुनाव जीतने के सबसे करीब 2017 में पहुंची थी, जब राहुल गांधी ने पार्टी प्रमुख के रूप में अभियान का नेतृत्व किया था और राज्य इकाई 182 में से 77 सीटें जीतने में सफल रही थी, जबकि भगवा पार्टी 99 सीटों पर सिमट गई थी.

हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस केवल 17 सीटें ही जीत पाई और उसका वोट शेयर 40 प्रतिशत से गिरकर 28 प्रतिशत रह गया. आम आदमी पार्टी के आने से कांग्रेस को 5 सीटें और 13 प्रतिशत वोट शेयर का झटका लगा. हालांकि, आश्चर्य की बात यह रही कि भाजपा ने अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 156 सीटें जीतीं और उसका वोट शेयर 52 प्रतिशत रहा.

राज्य इकाई के पुनर्गठन की प्रत्यक्ष निगरानी करने वाले राहुल ने अब गुजरात कांग्रेस को सार्वजनिक मुद्दों पर विरोध आंदोलन शुरू करने और जन संपर्क अभियान चलाने का निर्देश दिया है.

इसीक्रम में राज्य इकाई के नए प्रमुख अमित चावड़ा पिछले कुछ सप्ताहों से मतदाताओं के मुद्दों को समझने के लिए विभिन्न वर्गों से मिल रहे हैं.

"मतदाता अधिकार जनसभा 31 अगस्त को आयोजित की जा रही है. हमने मतदाताओं से लोकतंत्र बचाने और वोट चोरों को बेनकाब करने की इस लड़ाई में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की है. वोट चोर का नारा आज बिहार में हर जगह गूंज रहा है और पूरे देश में गूंजेगा."

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