ट्रैक्टर का उपयोग करके बिजली कैसे बनाई जाती है
गर्मी के मौसम में बिजली के कट से लोग परेशान रहते हैं। इसमें शहर से कई इलाकों में बिजली की कटौती की जाती है। इसमें कई सारे 6 से लेकर 10 घंटे का कट लगा है। ऐसे में किसानों को निराशा की कार्य में परेशानी होती है। इस समस्या से परेशान किसानों ने अपने ट्रैक्टर से बिजली बनाने का तरीका खोज निकाला और जुगाड़ से ट्रैक्टर से बिजली बना ली। आज ये किसान इस बिजली से अपने खेत में निराश की जलन का काम आसानी से कर लेता है। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के ग्राम पथराड़ के किसान गणेश पाटीदार की। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको ट्रैक्टर से बिजली बनाने वाले किसानों के बारे में बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने ट्रैक्टर से बिजली उत्पादन शुरू किया।
बिजली बचाने के लिए ट्रेक्टर से ऐसे चलाये खेत का पंप किसानो की होगी इससे बचत।
गर्मी में किसानों की परेशानी देखकर कॉस आया
इस गर्मी में निवाड़ के किसान इन दिनों बिजली शॉट का सामना कर रहे हैं। चौकों में 10 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाती है जिससे सुबह 4 से 8 बजे और दोपहर को 3 बजे से रात 9 बजे तक बिजली दी जाती है। इस प्रकार बिजली देने वाले किसानों का सिग्नेचर का समयबद्ध है। ऐसे में किसानों की परेशानी देखते हुए खरगोन जिले के गांव पथराड़ के किसान गणेश पाटीदार ने बिजली संकट से आकर्षित होने के लिए ट्रैक्टर से बिजली उत्पादन करने के क्षेत्र में नई पहल की है जो पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ट्रैक्टर से बिजली कैसे बनाई जाती है
किसान गणेश पाटीदार ने ट्रैक्टर से बिजली उत्पादन के लिए अपने घर में रखे पुराने आर्मेचर का उपयोग किया है, इसे ट्रैक्टर के साथ जोडाकर चलाया गया है। जिससे 440 वाल्ट बिजली पैदा होती है। इस बिजली से मोटर चलाकर खेत में 15 एकड़ में लगाई गई खरीफ की मक्का की फसल में तेजी की जा रही है। ट्रैक्टर से बिजली बनाने में दांव / घंटे की खपत होती है। ट्रैक्टर में 10 घंटे तक लगातार बिजली गिर सकती है।
साइकिल से खेत की जूटई करते हैं
झारखंड में धनबाद के झरिया उपर डुंगरी गांव के किसान पन्नालाल महतो ने जुगाड़ से एक ऐसी साइकिल तैयार की है जो खेत की आसानी से जुताई कर सकता है। मैट्रिक पास किसान पन्नालाल महतो है लेकिन इस साइकिल को बनाने के बाद गांव में हर ओर उनकी आकांक्षा हो रही है। इस साइकिल में दो हॉर्स पावर का मोटरपंप लगाया गया है। साइकिल का पिछला भाग हटाकर मोटर फिट हो गया है। इससे साइकिल से दो काम किए जा सकते हैं एक तो खेत की जूताई की जा सकती है तो दूसरा ट्यूबेल या कुएं से पानी निकलकर सिंचाई की भी जा सकती है। इस साइकिल को बनाने में पन्नालाल को सिर्फ 10 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इसमें साइकिल के पिछले सुझावों को हटाए जाने में तीन पहलू शामिल हैं। इस जुगाड़ की साइकिल चलाने के लिए केरोसिन की जरूरत होती है। यदि केरोसिन खत्म हो जाता है, तो साइकिल का झटका देना भी खेत की जुताई कर सकता है। इस साइकिल में 2 हॉर्स पावर का मोटर फुफकारता है। इस आविष्कार के लिए पन्नालाल की टास्क में स्टील ने मदद की थी।
मोटर साइकिल से बना मिनी ट्रैक्टर
झारखंड राज्य के पश्चिम सिंहभूम जिले के मनोहरपुर पोटका के देव मंजन ने पुरानी मोटर साइकिल से मिनी ट्रैक्टर का निर्माण कर दिया। इस मिनी ट्रैक्टर के निर्माण में पुरानी मोटर साइकिल, पानी के पंपों और जल निकासी के हिस्सों को जोड़ा गया है। वे पिछले 9 सालों से इस मिनी ट्रैक्टर से खेती का कार्य कर रहे हैं। इस मिनी ट्रैक्टर के निर्माण पर उनके मात्र 5000 रुपये खर्च हो रहे हैं। इसकी लागत सीधे 5 रुपए कम यानी 70-80 रुपए पर आ गई है। बता दें कि किसान देव मंजन 10वीं कक्षा तक पढ़े हैं और खेती किसानी का काम करते हैं।
बिजली बचाने के लिए ट्रेक्टर से ऐसे चलाये खेत का पंप किसानो की होगी इससे बचत।
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