सिम कार्ड डीलर का पुलिस वेरिफिकेशन अब अनिवार्य
Sim Card Verification – जिस तरह देश में आज साइबर फ्रॉड की घटनाएं बढ़ने लगी हैं जिसे लेकर सरकार निरंतर कार्य कर रही है की कैसे इन पर रोक लगाई जाए। दरअसल साइबर फ्रॉड होने का मुख्य कारण है ब्लैक में खरीदी हुई सिम कार्ड जिसका इस्तेमाल करके लोगों को ठगा जाता है। अब सरकार ने इसी पर नकेल कसने के लिए एक एहम कदम उठाया है।
दरअसल केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को सिम कार्ड वेरिफिकेशन के नियमों में बदलाव करते हुए घोषणा की है की सरकार ने सिम कार्ड डीलर का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है और थोक में ‘कनेक्शन’ देने का प्रावधान अब बंद कर दिया गया है।
नियमों के उल्लंघन पर लगेगा 10 लाख का जुरमाना | Sim Card Verification
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियमों के अनुसार अब सभी सिम कार्ड डीलरों को अनिवार्य रजिस्ट्रेशन के साथ पुलिस और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन पूरा करना होगा. सिम कार्ड डीलरों का वेरिफिकेशन टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा किया जाएगा और इस नियमों का उल्लंघन करने वाले पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
इस तरह होगा डाटा कलेक्ट
केवाईसी रिफॉर्म के तहत, नए सिम लेने या मौजूदा नंबर पर नए सिम के लिए आवेदन करने की स्थिति में प्रिंटेड आधार के क्यूआर कोड को स्कैन करके ग्राहक का डेमोग्राफिक डेटा कलेक्शन किया जाएगा.इससे पहले डीलर का विस्तृत दस्तावेजीकरण इस नियम में शामिल नहीं था।
थोक कनेक्शन के प्रधान बंद | Sim Card Verification
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने थोक कनेक्शन के प्रावधान को बंद कर दिया था और इसके स्थान पर व्यावसायिक कनेक्शन कॉन्सेप्ट लागू कर दी गई है. व्यवसायों के केवाईसी सत्यापन के अलावा, सिम का हैंडओवर लेने वाले व्यक्ति का केवाईसी भी किया जाएगा. एक पहचान के आधार पर व्यक्ति अभी भी नौ सिम तक ले सकते हैं. केवाईसी के जरिये किसी संस्थान या निवेशक की पहचान और पते को प्रमाणित करने में मदद मिलती है।
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