व्यापार: भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) जून तिमाही में घटकर 2.4 अरब डॉलर पहुंच गया। यह सकल घरेलू उत्पाद का 0.2 प्रतिशत रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.6 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) था। सेवाओं के निर्यात से इसमें मदद मिली। भारतीय रिजर्व ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
वित्त वर्ष 2025 में 23.3 अरब डॉलर सीएडी दर्ज किया गया
भारत ने 2024-25 के लिए 23.3 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) का सीएडी दर्ज किया था। यह 2023-24 में 26 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.7 प्रतिशत) से कम है। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि भारत के चालू खाता शेष में 2025-26 की पहली तिमाही में 2.4 अरब डॉलर का घाटा दर्ज किया गया। वहीं 2024-25 की पहली तिमाही में यह 8.6 अरब था और 2024-25 की चौथी तिमाही में 13.5 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) का अधिशेष था।
वस्तु व्यापार घाटा 68.5 अरब डॉलर रहा
तिमाही के दौरान, वस्तु व्यापार घाटा 68.5 अरब डॉलर रहा। यह पिछले वर्ष की अप्रैल-जून अवधि के 63.8 अरब डॉलर से अधिक है। तिमाही के दौरान शुद्ध सेवा प्राप्तियां बढ़कर 47.9 अरब डॉलर हो गईं। यह एक साल पहले इसी तिमाही में 39.7 अरब डॉलर थीं। इसमें कहा गया है कि व्यावसायिक सेवाओं और कंप्यूटर सेवाओं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में वर्ष दर वर्ष आधार पर वृद्धि हुई है।
एफडीआई में 5.7 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज हुआ
वित्तीय विवरण में कहा गया है कि तिमाही के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 5.7 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया। वहीं एक साल पहले इसी तिमाही में 6.2 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह हुआ था।
एफपीआई में 1.6 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया
इस अवधि के दौरान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) ने 2025-26 की पहली तिमाही में 1.6 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया। वहीं 2024-25 की पहली तिमाही में 0.9 अरब डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया था।