महाशिवपुराण का निमंत्रण देने पर कथा स्थल तक आई माँ ताप्ती
बैतूल – Pandit Pradeep Mishra – जब तक आपका विश्वास दृढ़ और प्रबल नहीं होगा तब तक भगवान भोलेनाथ की प्राप्ति नहीं हो सकती है। यदि भोलेनाथ को प्राप्त करना है तो इसके लिए आपका विश्वास प्रबल होना चाहिए। भगवान शंकर विश्वासरूपी है। कोसमी क्षेत्र में मां ताप्ती शिवपुराण समिति के तत्वावधान में आयोजित श्री महाशिवपुराण कथा के दौरान उक्त प्रवचन पं. प्रदीप मिश्रा ने कथा के दूसरे दिन दिए।
विश्वासरूपी है भगवान शंकर(Pandit Pradeep Mishra)
पं. मिश्रा ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्रीरामचरित मानस में लिखा है कि शंकर विश्वास रूपी। उन्होंने भगवान शंकर को विश्वास कहा है। जब तक विश्वास प्रबल नहीं होगा तब तक मेरे महादेव की प्राप्ति नहीं हो सकती है। महादेव की प्राप्ति विश्वास से ही हो सकती है। कथा के दौरान पं. प्रदीप मिश्रा ने मैंने तेरे ही भरोसे ओ बाबा तेरे ही भरोसे भजन सुनाया….उन्होंने कहा कि यह हम पर भगवान की ही कृपा है कि हम सभी महाशिवपुराण कथा का रस्सवादन कर पा रहे हैं।
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मृत्यु लोक तक के हैं सभी साथी
पं. मिश्रा ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हम सभी का संबंध केवल मृत्यु लोक तक ही है। लेकिन जो लोग शिव से संबंध बनाकर उसे जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं उनका संबंध ना सिर्फ नीचे बल्कि ऊपर जाने तक बना रहता है। पं. श्री मिश्रा ने उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे जितने परिवार चलाने वाले हैं। जितने परिवार में रहने वाले हैं इन सबका संबंध केवल मृत्यु लोक तक है। आप जो शिवजी की आराधना कर रहे हैं जल, बेलपत्र चढ़ा रहे हैं उनका संबंध नीचे और ऊपर दोनों तक बना रहता है। भगवान शिव नीचे भी संभालते हैं और ऊपर जाने के बाद भी संभालते हैं।
राह चलते ज्ञान से नहीं मिलते परात्मा(Pandit Pradeep Mishra)
पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राह पर चलते-फिरते मिलने वाला ज्ञान आपको परात्मा से नहीं मिला सकता। रावण ने भी चलते-फिरते रोड पर ज्ञान प्राप्त किया था। यदि वह एक बार किसी सत्संग में शामिल होकर या फिर किसी गुरू की शरण में जाकर ज्ञान प्राप्त करता तो उसकी लंका और वह दोनों बच जाते। लेकिन उसने कभी ऐसा नहीं किया। दिल्ली में घर, मकान, प्रतिष्ठान, आफिस बनाना सरल कार्य है पर किसी के हृदय में विश्वास के साथ बैठ जाना अत्यधिक कठिन है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की पुनीत पावन महाशिवपुराण की कथा संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए बैतूल नगर में श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। बाबा देवाधिदेव महादेव जो संपूर्ण विश्व का कल्याण करने वाले हैं।
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कथा स्थल तक पहुंची मां ताप्ती
पं. मिश्रा ने कहा कि बैतूल नगर के इस पावन प्रागंण में भगवान शिव की कृपा और करुणा से शिव महापुराण की कथा को श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। भगवान शिव स्वयं कृपा करने वाले हैं दया करने वाले हैं और उनकी उदारता से ही माँ ताप्ती शिवमहापुराण कथा श्रवण को मिल रही है। आप लोगों की भक्ति बैतूल वाले की इतनी प्रबल है कि तुम भले ही ताप्ती तक मत जाओ मगर ताप्ती मैय्या यहां तक आ गई। ताप्ती मैय्या ने कृपा कि आपने मुझे आमंत्रण दिया है कि आप कथा में जरूर आना। इसलिए माँ ताप्ती मैय्या कथा स्थल तक पहुंची। भगवान शंकर माँ ताप्ती को हमेशा वर ही प्रदान ही करते रहे। जैसी वर्षा भगवान ने कल करी ऐसी कृपा की वर्षा आप सभी पर महादेव करते रहे।
सभी के प्रयासों को सहारा(Pandit Pradeep Mishra)
कथा में श्री मिश्रा ने आयोजन समिति, यजमान, बैतूलवासियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन सभी के प्रयासों से ही आज कथा हो पा रही है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन, पुलिस, नगर पालिका, स्वास्थ्य विभाग सहित सभी ने पूरी रात खूब मेहनत की है। यदि आज दूसरे दिन कथा हो रही है तो इन्हीं के सहयेाग से हो रही है। श्री मिश्रा ने कहा कि उन्होंने तो कह दिया कि बारिश से समस्या अधिक तो कथा जब भोलेनाथ चाहेंगे तभी हो पाएगी। पूरे शिवपुराण में भरोसे और विश्वास की ही कथा है।
पं. मिश्रा ने की अपील घर पर ही सुनें कथा
जिले में हुई झमाझम बारिश से कथा स्थल कीचड़ में तब्दील हो गया है। आयोजन समिति द्वारा कथा स्थल का कीचड़ से मुक्त करने के लिए तमाम प्रयास करते हुए बजरी और गिट्टी आदि डाली जा रही है। इसके अलावा मशीनों से भी जगह को कीचड़ मुक्त करने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। कथा स्थल पर कीचड़ होने और बारिश का दो से तीन दिनों का अलर्ट होने से कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से कथा स्थल पर ना पहुंचने की अपील करते हुए घर से ही टेलीविजन और मोबाइल पर कथा सुनने की अपील की है। पं. मिश्रा ने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की अव्यवस्था ना हो इसके लिए वह कथा स्थल पर ना आए और घर और होटल, धर्मशाला आदि जहां पर वह ठहरे हुए हैं वहीं से कथा का श्रवण करें। आयोजन समिति मोबाइल और टेलीविजन के माध्यम से श्रद्धालुओं तक कथा पहुंचाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है। समाचार लिखे जाने तक कथा जारी थी।