HometrendingCongress : कांग्रेस पर्यवेक्षक को मीटिंग लेने तक का नहीं मिला समय

Congress : कांग्रेस पर्यवेक्षक को मीटिंग लेने तक का नहीं मिला समय

कमलनाथ समर्थक विधायक सुनील उइके थे बैतूल जिले के पर्यवेक्षक

बैतूल{Congress} – जिले में पंचायत चुनाव के दो चरण पूर्ण हो गए हैं और जिस तरह से जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच एवं पंचों के मतदान के बाद आए रूझान से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों के हाल-बेहाल है। अधिकांश स्थानों पर घोषित भाजपा समर्थित उम्मीदवार जीतने की स्थिति में है। जिला पंचायत के तीसरे चरण की भी इसी हफ्ते में चुनाव पूरे हो जाएंगे।

गंभीर नजर आई भाजपा

अब जिले भर की उन 7 नगरीय निकायों की बात करें तो यहां तो और भी रोचक स्थिति दिखाई दे रही है। भाजपा लंबे समय से नगरीय निकाय चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन से लेकर चुनावी रणनीति तैयार करने को लेकर गंभीर दिखाई दी और हर प्रक्रिया के लिए प्रदेश भाजपा द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में दौरा कर उम्मीदवारों के चयन में महती भूमिका निभाई। और इसका असर आने वाले 6 तारीख को मतदान के बाद दिखाई दे सकता है।

7 निकायों में होना है चुनाव

जिले के 7 नगरीय निकायों के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने हर जिले में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की थी। जिनमें वरिष्ठ नेताओं और विधायकों को दूसरे जिले में उम्मीदवार चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जिम्मेदारी थी। बैतूल भी इससे अछूता नहीं रहा। बैतूल से 105 किलोमीटर दूर छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कट्टर समर्थक सुनील उइके को बैतूल जिले का पर्यवेक्षक बनाया गया था। ताकि वे बैतूल में आकर जिले के प्रमुख कांग्रेसजन और 7 नगरीय निकायों में कांग्रेस की ओर से पार्षद पद का चुनाव लड़ने वाले दावेदारों से प्रत्यक्ष भेंट करके अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपे।

नहीं आए कांग्रेस पर्यवेक्षक

प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक विधायक सुनील उइके बैतूल जिले के नगरीय निकायों में कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन के लिए बैतूल नहीं आए। ऐसी स्थिति में कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन की जिम्मेदारी पूरी तरह से क्षेत्र के विधायकों और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के ऊपर आ गई। और कांग्रेस विधायकों की पसंद के अनुसार ही उनके विधानसभा क्षेत्र के नगरीय निकायों में पार्षदों के उम्मीदवारों का चयन हुआ जिसको लेकर कई जगह असंतोष भी दिखाई दिया और कई प्रमुख कांग्रेसजनों ने विद्रोह कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पसंद किया। जिसका नुकसान कांग्रेस को होना तय है।

अंतिम समय में बदले तीन प्रत्याशी

जिला मुख्यालय की बैतूल नगर पालिका परिषद में 33 वार्ड हैं। बैतूल के इन 33 वार्डों के लिए कांग्रेस प्रत्याशी चयन के दौरान कांग्रेस की गुटबाजी सामने आई और यह प्रयास हुआ कि विधायक एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा संयुक्त रूप से प्रदेश कांग्रेस को भेजी गई सूची में परिवर्तन हो जाए। और ऐसा हुआ भी। कांग्रेस के सूत्रों ने सांध्य दैनिक खबरवाणी को बताया कि अंतिम समय में बैतूल नगर पालिका परिषद के 3 वार्डों में प्रत्याशियों के नाम में बदलाव हुआ। और सीधे छिंदवाड़ा से नाम भेेजे गए। इनमें आजाद वार्ड, तिलक वार्ड एवं कृष्णपुरा वार्ड शामिल है।

इनका कहना…

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके को पर्यवेक्षक बनाया था, लेकिन उनके क्षेत्र में चुनाव होने के कारण उनकी व्यस्तताओं के चलते नहीं आए। इसलिए विधायकों की अनुशंसा पर टिकिट तय किए गए।

सुनील शर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष बैतूल

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