बैतूल– बेटे की शादी कर बहू को घर लाये थे लेकिन कोरोना ने ऐसी विपदा लाई कि उसका सुहाग ही छिन गया। ससुराल में बेटी के जैसा दुलार तो मिल रहा था पर भविष्य की चिंता ने ससुराल पक्ष को समाज में अब तक निषेध माने जाने वाले कल्याणी के पुनर्विवाह का मन बनाया। रविवार को बैतूलबाजार के श्री रूक्मणी बालाजी मंदिर बालाजीपुरम में ससुराल पक्ष ने बहू को बेटी बनाकर कन्यादान किया और उसे ससुराल विदा किया।
महाराष्ट्र के जलगांव जिले के फैजपुर निवासी द्वारका प्रसाद वर्मा की बेटी दीप्ति का कुछ वर्ष पूर्व चंडिकापुर में हुआ था। गत वर्ष कोराेना महामारी के कारण दीप्ति के पति का निधन हो गया। इसके बाद उनके माता-पिता और ससुराल पक्ष ने यह फैसला लिया कि दीप्ति के सूने जीवन में दोबारा से खुशियां लाई जाएं।
कुर्मी क्षत्रिय समाज के लोगों ने भी परिवार के लोगों का संबल बढ़ाया और एक नई शुरूआत के लिए सहभागी बन गए। पुनर्विवाह के लिए योग्य वर की तलाश की गई। नर्मदापुरम के पथरौटा में अनीश पटेल की पत्नी का भी कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया था। ऐसे में दोनों के परिवार के बीच पुनर्विवाह के लिए चर्चा शुरू हुई।
कुछ ही दिन में सब कुछ तय हो गया और दूल्हा- दुल्हन की सहमति के बाद रविवार को बालाजीपुरम में दोनों ने अग्नि के सात फेरे लेकर सात जन्म तक साथ निभाने का संकल्प लिया। विवाह कार्यक्रम में दीप्ति का कन्यादान पिता ने नहीं बल्कि ससुराल पक्ष से चाचा ससुर सुभाष वर्मा के द्वारा किया गया।
मंदिर परिसर में सादगी के साथ संपन्न हुए विवाह कार्यक्रम के माैके पर कुर्मी समाज के जिला अध्यक्ष अशोक वर्मा, जिला उपाध्यक्ष विवेक वर्मा (बन्टी वर्मा) अमित मेहतो ,(शाहपुर) जिला सचिव हरीश वर्मा, बैतूलबाजार इकाई के अध्यक्ष अनिल वर्मा, समाज के राजेश वर्मा, अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी के द्वारा वर वधू को आशीर्वाद प्रदान कर भगवान श्री रुक्मणी बालाजी की फोटो भेंट की।