रविवार देर रात सौरमंडल में कई बदलाव दिखेंगे। एक तरफ जहां साल का पहला सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा। हालांकि भारत में इसका असर नहीं रहेगा। वहीं चार ग्रह एक साथ एक कतार में दिखाई देंगे। कुछ घंटे बाद आज देर रात सौरमंडल का चमकदार ग्रह शुक्र (वीनस) और सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) आसमान में एक-दूसरे में समाते नजर आएंगे।
वहीं मंगल (मार्स) और शनि (सैटर्न) ग्रह भी इनके साथ एक ही कतार में दिखाई देंगे। यह अनूठी और दुर्लभ घटना सौरमंडल में 1,075 साल बाद देखने को मिलेगी। इस दुर्लभ संयोग को 1 मई यानी रविवार सुबह सूर्योदय से पहले तक पूर्वी आकाश में देखा जा सकता है।
पठानी सामंत तारामंडल के उप निदेशक डॉ. एस. पटनायक ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया कि इससे पहले चारों ग्रहों के एक कतार में आने की घटना तकरीबन 1,075 साल पहले 947 ईस्वी में हुई थी। इस नजारे को ‘ग्रह परेड’ (Planet Parade) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी कोई वैज्ञानिक परिभाषा नहीं है, यह शब्द केवल इस घटना को बताने के लिए खगोल विज्ञान में इस्तेमाल किया जाता है।
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 मई के बाद शुक्र और जुपिटर एक-दूसरे से दूर होते नजर आएंगे। इनके संयोजन का अगला नजारा अब साल 2039 में देखने मिलेगा।
शुक्र-बृहस्पति नग्न आंखों से देखे जा सकेंगे
आप भी अपने घर की छत से शुक्र और बृहस्पति के मिलने की यह घटना खुली आंखों या सामान्य दूरबीन की मदद से देख पाएंगे। चूंकि शुक्र बृहस्पति से ज्यादा चमकदार ग्रह है, इस कारण चांद की रोशनी में वह और ज्यादा खिलकर नजर आएगा। बृहस्पति शुक्र के सामने काफी फीका दिखाई देगा। शुक्र बृहस्पति के 0.2 डिग्री दक्षिण में होगा।
वहीं, टेलिस्कोप से देखने पर शुक्र और बृहस्पति के साथ-साथ मंगल और शनि को भी साफ तौर पर कतारबद्ध देखा जा सकेगा। टेलिस्कोप के जरिए बृहस्पति के कुछ बड़े चांद भी नजर आएंगे।
आज रात साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा
भारतीय समय के अनुसार शनिवार, 30 अप्रैल की रात सूर्य ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी अमेरिका, अटलांटिक पेसिफिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इस वजह से भारत में इस ग्रहण का सूतक भी नहीं रहेगा। पूरे दिन शनिश्चरी अमावस्या से जुड़े शुभ काम किए जा सकेंगे। भारतीय समय के अनुसार, सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की रात 12.15 बजे से शुरू होगा और 1 मई की सुबह 4.08 बजे ग्रहण खत्म हो जाएगा।