लड्डू प्रसादी के पैकेट से मंदिर के शिखर का फोटो और ऊँ नहीं हटा
Ultimatum: उज्जैन महाकाल मंदिर समिति को हाईकोर्ट ले जाने की तैयारी !महाकाल मंदिर की लड्डू प्रसादी के पैकेट से मंदिर के शिखर और “ऊँ” का चित्र अब तक नहीं हटाया जा सका है, जबकि इंदौर हाईकोर्ट ने 24 अप्रैल 2023 को आदेश दिया था कि 90 दिनों के भीतर यह काम पूरा किया जाए। मंदिर प्रबंध समिति ने कोर्ट से निवेदन किया था कि पुराने पैकेट का स्टॉक खत्म होने तक मोहलत दी जाए, जिसके बाद नए पैकेट पर चित्र और “ऊँ” नहीं होंगे। हालांकि, 4 महीने बीत जाने के बाद भी पैकेट पर वही पुरानी डिजाइन है।इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता महंतों की ओर से कोर्ट में पेश होने वाले वकील अभीष्ट मिश्र ने इसे हाईकोर्ट की अवमानना माना है। उन्होंने मंदिर प्रबंध समिति को पत्र भेजकर 10 दिनों के भीतर चित्र हटाने का निर्देश दिया है और ऐसा न होने पर दोबारा कोर्ट जाने की चेतावनी दी है।
सनातन धर्म का अपमान
अभीष्ट मिश्र ने तर्क दिया कि प्रसादी के पैकेट, जिन पर महाकाल मंदिर का चित्र और “ऊँ” अंकित है, श्रद्धालुओं द्वारा डस्टबिन या कचरे में फेंक दिए जाते हैं। इससे सनातन धर्म का अपमान होता है। उन्होंने पहले मंदिर प्रबंध समिति से इसे हटाने का अनुरोध किया था, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो महंतों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने इसे सही मानते हुए मंदिर प्रबंध समिति को निर्देश दिए थे।
वैष्णो देवी और गोल्डन टेम्पल के पैकेट
मिश्र ने बताया कि वैष्णो देवी और गोल्डन टेम्पल की प्रसादी के पैकेट में कोई चित्र नहीं होता, केवल नाम अंकित होता है। महाकाल मंदिर के पैकेट पर मंदिर का शिखर, “ऊँ,” और नागचंद्रेश्वर मंदिर का चित्र छपा होता है, जिसे कचरे में फेंका जाना धर्म का अपमान है।
महाकाल की लड्डू प्रसादी की लोकप्रियता
महाकाल मंदिर की लड्डू प्रसादी शुद्ध घी और बेसन से बनाई जाती है, और इसकी मांग देशभर में है। विदेशों से आए भक्त भी इसे अपने साथ ले जाते हैं। प्रतिदिन 50 से 60 क्विंटल लड्डू बनाए जाते हैं और प्रसादी 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकेट में मिलती है।
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