प्रदेशभर के आरटीओ कार्यालय में लगे एसेट्स और पासवर्ड आरटीओ को करेगी सुपुर्द
Smart chip company: मध्य प्रदेश में स्मार्ट चिप कंपनी ने मंगलवार से आरटीओ (रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस) में अपना काम बंद करने का निर्णय लिया है। सोमवार को पूरे दिन चली बातचीत और कशमकश के बाद यह निर्णय लिया गया। अब स्मार्ट चिप कंपनी मंगलवार से राजधानी समेत प्रदेशभर के आरटीओ कार्यालयों में मौजूद अपने एसेट्स और पासवर्ड आरटीओ को सौंप देगी। इस खबर की पुष्टि डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर उमेश जोगा ने की है।
मुख्य बिंदु:
- स्मार्ट चिप कंपनी ने सोमवार को आरटीओ में अपने कर्मचारियों को एसेट्स और पासवर्ड सुपुर्द करने का निर्देश दिया था, लेकिन आरटीओ अधिकारियों ने विभागीय आदेश न मिलने का हवाला देते हुए इसे मना कर दिया।
- परिवहन विभाग ने स्मार्ट चिप कंपनी को 31 दिसंबर 2024 तक कार्यकाल बढ़ाने और 88 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान की बात की थी, लेकिन कंपनी ने इसे मानने से इनकार कर दिया।
- कंपनी का कहना है कि उसने एग्जिट पीरियड (अप्रैल से जून 2024) भी पूरा कर लिया है, और अब उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है।
आरटीओ सेवाओं पर असर:
- स्मार्ट चिप कंपनी के काम बंद करने के कारण प्रदेशभर के आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड बनना बंद हो जाएंगे।
- इससे आम जनता को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि ये सेवाएं आरटीओ के महत्वपूर्ण कार्यों का हिस्सा हैं।
परिवहन विभाग की प्रतिक्रिया:
परिवहन विभाग ने कंपनी को बकाया भुगतान के लिए किश्तों में अक्टूबर और दिसंबर तक रकम चुकाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन स्मार्ट चिप कंपनी ने इसे स्वीकार नहीं किया। कंपनी ने पहले ही एग्जिट पीरियड पूरा कर लिया था और अब वह अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो चुकी है। स्मार्ट चिप कंपनी के काम बंद करने के बाद आरटीओ की कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, परिवहन विभाग इस स्थिति से निपटने के लिए अन्य विकल्पों की तलाश कर रहा है, लेकिन तब तक लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कार्ड जैसे कार्यों में अस्थायी रूप से व्यवधान रह सकता है।
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