बैतूल – Parshad ki Ticket – पिछले कई वर्षों में कांग्रेस के कई छोटे-बड़े नेता भाजपा में ट्रांसफर हो चुके हैं जिनमें कई कांग्रेसी तो भाजपा में अपना बड़ा स्थान बना चुके हैं, और कई पदों पर भाजपा की ओर से चुनाव लड़ कर हारे भी है, और जीते भी हैं।
इसी कड़ी में सारणी क्षेत्र का एक और नाम है जो कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ता है और बड़ी हार के बाद भाजपा में शामिल हो जाता है । जिसे 14 वर्ष बाद अब भाजपा ने पार्षद पद पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार बनाया है
पूर्व कांग्रेसी किशोर वरदे 2008 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में आमला सारणी विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, जिन्हें तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी चेतराम मानेकर ने 39856 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से पराजित किया था । जिले के राजनीतिक इतिहास में यह हार सबसे बड़ी मानी गई थी और मध्य प्रदेश में भी 2008 के विधानसभा चुनाव में चेतराम मानेकर की अजीत पांचवी बड़ी जीत घोषित हुई थी।
2008 के विधानसभा चुनाव में किशोर वरदे आमला सारणी विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित हो गए थे ,लेकिन उस समय राष्ट्रवादी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस के बीच यह समझौता हुआ था कि आमला सारणी सीट से कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं लड़ाएगी और राष्ट्रवादी कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्याशी बेचन राम को समर्थन देंगे। लेकिन नाम वापसी के अंतिम क्षणों में 3.00 बजने के कुछ मिनट पहले छिंदवाड़ा से एक हेलीकॉप्टर आया जिसमें कांग्रेस की ओर से किशोर वरदे को चुनाव चिन्ह आवंटित करने के लिए बी फार्म भेजा गया था और इस तरह से कांग्रेस अपने समझौते से पलट गई और भाजपा प्रत्याशी के सामने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस दोनों के प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे, लेकिन भाजपा प्रत्याशी की 39856 वोटों के भारी मतों से जीत हुई।
इस बड़ी हार के बाद कांग्रेस के विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी किशोर वरदे कुछ दिनों बाद भाजपा में शामिल हो गए लेकिन लंबे समय तक भाजपा में अपने राजनीतिक वनवास का इंतजार करते रहे। 14 वर्ष के बाद किशोर वरदे का भी राजनीतिक वनवास समाप्त हो रहा है और कल घोषित हुई भाजपा की सारणी नगरपालिका के 15 प्रत्याशियों की सूची में वार्ड नंबर 26 से पार्षद पद का प्रत्याशी बनाया गया है।