Online Shopping Warning: आज के डिजिटल दौर में ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। किराने का सामान हो, कपड़े हों या फिर महंगे गैजेट्स – सब कुछ कुछ क्लिक में घर पहुंच जाता है। लेकिन कई बार ये सुविधा ‘लूट’ का जाल बन जाती है। आपने अक्सर देखा होगा कि जब आप किसी प्रोडक्ट को कार्ट में डालते हैं और पेमेंट के समय पहुंचते हैं, तो कीमत अचानक बढ़ जाती है। यही चालाकी डार्क पैटर्न (Dark Pattern) कहलाती है, जिस पर अब सरकार ने अलर्ट जारी किया है।
क्या है डार्क पैटर्न का जाल?
डार्क पैटर्न वो चाल है, जिसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आपको गलत दिशा में ले जाते हैं। कई बार कंपनियां डिस्काउंट का लालच देकर ग्राहकों को आकर्षित करती हैं, लेकिन पेमेंट पेज पर छिपे चार्जेज या बढ़ी हुई कीमतें दिखती हैं। सरकार ने कहा है कि यह ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन है और कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर (1915) पर शिकायत की जा सकती है।
उपभोक्ता मंत्रालय ने किया पोस्ट, लोगों को किया जागरूक
उपभोक्ता मंत्रालय के आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट @jagograhakjago से एक पोस्ट किया गया जिसमें लिखा गया – “ट्रिक वाले डिज़ाइन से सावधान रहें, ये आपको गलत चुनाव की ओर धकेल सकते हैं।” साथ ही, लोगों से अपील की गई कि अगर किसी वेबसाइट पर ऐसा अनुभव हो, तो तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। सरकार ने साफ कहा है कि डार्क पैटर्न्स को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फेस्टिव सीजन में बढ़ते हैं डार्क पैटर्न के मामले
त्योहारों के समय जब सेल ऑफर और डिस्काउंट बैनर की भरमार होती है, तब यह समस्या और बढ़ जाती है। जैसे किसी मोबाइल फोन को ₹37,999 बताया जाता है, लेकिन क्लिक करते ही असली कीमत ₹42,000 या उससे अधिक निकलती है। कंपनियां छोटे अक्षरों में असली कीमत या शर्तें लिखती हैं, जिससे उपभोक्ता भ्रमित हो जाते हैं।
कैसे बचें डार्क पैटर्न के जाल से?
डार्क पैटर्न्स कई रूप में आते हैं – जैसे हिडन कॉस्ट, टाइमर, फोर्स्ड सब्सक्रिप्शन या ऑटो पेमेंट ट्रिक। अगर किसी वेबसाइट पर पेमेंट के लिए टाइम लिमिट या काउंटडाउन दिखे, तो समझिए कुछ गड़बड़ है। किसी भी ऑफर को स्वीकार करने से पहले उसकी टर्म्स एंड कंडीशंस ध्यान से पढ़ें और फ्री ट्रायल के बाद ऑटो पेमेंट को बंद कर दें। समझदारी ही सबसे बड़ा बचाव है।





