Online registry: मध्य प्रदेश में संपत्ति रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए हाल ही में संपदा 2.0 पोर्टल लॉन्च किया गया था, लेकिन इसके लॉन्च के एक सप्ताह बाद भी इंदौर सहित अन्य जिलों में आवेदकों को रजिस्ट्री की सुविधा नहीं मिल पा रही है। अब तक इंदौर जिले में केवल 10 दस्तावेज पंजीकृत हुए हैं, जिनमें पावर ऑफ अटॉर्नी और विक्रय अनुबंध से जुड़े दस्तावेज शामिल हैं।
प्रमुख समस्याएं:
संपत्ति रजिस्ट्री की प्रक्रिया अभी भी पूरी तरह शुरू नहीं हो सकी है।पिछले एक सप्ताह में पोर्टल के माध्यम से एक भी बड़ी रजिस्ट्री नहीं की गई है।रजिस्ट्री की प्रक्रिया अब भी पावर ऑफ अटॉर्नी और नोटरी के माध्यम से हो रही है, जबकि संपदा 2.0 से अपेक्षा थी कि यह ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा प्रदान करेगा।इंदौर, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री वाले जिलों में शामिल है, में प्रतिमाह 15,000 से अधिक दस्तावेज पंजीकृत होते हैं। इसके बावजूद, संपदा 2.0 पर अब तक प्रभावी ढंग से रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
पायलट परियोजना:
इस पोर्टल को शुरू करने से पहले, गुना, हरदा, डिंडौरी और रतलाम जिलों में इसका परीक्षण किया गया था, और वहां सफलता मिलने के बाद इसे प्रदेश के अन्य जिलों में लागू किया गया। इस नई प्रणाली का उद्देश्य पेपरलेस और फेसलेस पंजीयन को बढ़ावा देना था, लेकिन अभी भी रजिस्ट्री की अधिकांश प्रक्रियाएं पुराने संपदा 1.0 पर ही की जा रही हैं। संपदा 2.0 पोर्टल के आने से उम्मीद थी कि यह रजिस्ट्री प्रक्रिया को तेजी से और सुगमता से करेगा, लेकिन अभी तक इसका पूरी तरह से कार्यान्वयन नहीं हो सका है, जिससे आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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