दुबई एयर शो के दौरान भारतीय वायुसेना के तेजस फाइटर जेट का हादसा दुनिया के सामने एक दर्दनाक पल बनकर सामने आया। इस हादसे में 34 वर्षीय पायलट स्क्वाड्रन लीडर नमनश स्याल ने अपनी जान गंवा दी। सवाल यह उठता है कि जब फाइटर जेट में आधुनिक इजेक्शन टेक्नोलॉजी मौजूद होती है, तो आखिर पायलट खुद को बचाने में सफल क्यों नहीं हो पाए? आइए जानते हैं इस तकनीक से जुड़ी पूरी जानकारी और हादसे की संभावित वजहें।
इजेक्शन टेक्नोलॉजी क्यों होती है जरूरी?
फाइटर जेट्स में इजेक्शन टेक्नोलॉजी पायलट की जान बचाने के लिए बेहद अहम होती है। जब कोई विमान तेज़ रफ्तार से नियंत्रण खो देता है, तब पायलट सेकंडों में निर्णय लेकर खुद को जेट से बाहर निकाल सकता है। यह तकनीक पहले भी कई पायलटों की जान बचा चुकी है। राजस्थान के जैसलमेर में तेजस क्रैश के दौरान पायलट इसी सिस्टम के कारण सुरक्षित बच निकले थे।
इजेक्शन सिस्टम कैसे काम करता है?
इस तकनीक में पायलट की सीट के नीचे एक रॉकेट-पावर इजेक्शन सिस्टम लगा होता है।
- पायलट लीवर खींचते ही सीट को रॉकेट की शक्ति से 30 मीटर हवा में फेंक दिया जाता है।
- इसके बाद सीट अलग हो जाती है और पायलट पैराशूट खोलकर सुरक्षित जमीन पर उतर सकता है।
यह तकनीक धड़कनें रोक देने वाले क्षणों में पायलट की आखिरी उम्मीद मानी जाती है।
हर बार इजेक्शन सफल क्यों नहीं होता?
भले ही तकनीक मजबूत हो, लेकिन हर मशीन की कुछ सीमाएँ होती हैं।
- कई बार रॉकेट मॉड्यूल फेल हो जाता है।
- कुछ मामलों में जेट की स्पीड इतनी ज्यादा होती है कि पायलट के पास लीवर खींचने का समय ही नहीं बचता।
- इजेक्शन के दौरान लगने वाला झटका इतना भयंकर होता है कि पायलट गंभीर चोटों के जोखिम में होता है।
यानी यह तकनीक जीवनरक्षक होने के साथ-साथ बेहद संवेदनशील भी है।
तेजस हादसे में क्या हुआ? नमनश क्यों नहीं बच पाए?
दुबई एयर शो के वायरल वीडियो में तेजस जेट जमीन पर गिरने से पहले आग और काले धुएँ के गुबार में लिपटा नजर आया। शुरुआती संकेत बताते हैं—
- विमान की गति बहुत ऊँची थी।
- नमनश के पास इजेक्शन प्रक्रिया शुरू करने का पर्याप्त समय नहीं था।
- संभव है टक्कर से कुछ ही सेकंड पहले सिस्टम प्रतिक्रिया देने लायक नहीं रहा हो।
चूंकि जांच अभी पूरी नहीं हुई है, इसलिए सटीक कारणों की आधिकारिक पुष्टि बाकी है।
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नमनश स्याल—देश का वीर बेटा
34 वर्षीय नमनश हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगरोटा क्षेत्र से थे।
- उनकी पत्नी भी भारतीय वायुसेना में तैनात हैं।
- उनके पिता भी IAF से रिटायर्ड अधिकारी हैं।
देश ने एक बहादुर एयर वॉरियर खोया है, जिनकी सेवा और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।





