बैतूल – रानीपुर थाना क्षेत्र के जंगल में हाईवे किनारे 6 जून को बोरी में बंद एक लाश मिली थी। जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और बोरी के अंदर से एक बुजुर्ग महिला की लाश मिली जो करीब 6 से 7 दिन पुरानी थी।मृतिका की शिनाख्त भगरती झरवड़े उम्र 60 साल निवासी पाथाखेड़ा के रूप में हुई । बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि पुलिस जांच में पता चला कि भागीरथी अपनी छोटी बेटी उषा वाईकर के घर बैतूल में कुछ दिनों से रह रही थी । भगरती ने एक प्लाट बेचा था जिससे उसे 5 लाख 82 हजार रुपये की राशि मिली थी । यह राशि उसने बेटी उषा वाईकर के खाते में जमा कर दी थी । भागरती इस राशि को अपनी दोनों बेटियों को आधी आधी देना चाहती थी ।
उषा बड़ी बहिन को रुपया नही देना चाहती इसी बात को लेकर 29 मई को मां और बेटी के बीच विवाद हुआ । जिस पर छोटी बेटी ने मां के सिर पर पत्थर मार दिया और वह बेहोश हो गई इसके बाद उसकी मौत हो गई। उषा ने अपने पति करण वाईकर की मदद से लाश को पॉलिथीन में लपेटकर बोरी में भरकर अपने वाहन से ले जाकर हाईवे किनारे जंगल में फेंक दिया।
इसके बाद जब बड़ी बेटी रेखा पाटिल ने उषा से मां के बारे में पूछा तो उसने झूठी कहानी बना कर बताया कि नर्मदापुरम गए थे और नर्मदा नदी नहाने के दौरान माँ डूब गई और इसकी गुमशुदगी नर्मदापुरम पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है । जब पुलिस ने उषा वाईकर और उसके पति करण वाईकर से पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल लिया पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है ।