Growth: सितंबर महीने में प्याज, टमाटर और आलू जैसी आवश्यक सब्जियों की कीमतों में अचानक वृद्धि ने आम जनता के बजट पर भारी असर डाला है। प्याज और टमाटर के दामों में 50% तक की वृद्धि देखी गई है, जिससे लोग परेशान हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण:
भारी बारिश और फसल का नुकसान:
देश के कुछ हिस्सों, जैसे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात में अधिक बारिश के कारण टमाटर और प्याज की फसलें खराब हो गई हैं। इससे आपूर्ति कम हो गई है, और मांग बढ़ने से कीमतों में वृद्धि हो रही है।
एक्सपोर्ट ड्यूटी का हटना:
प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाने के कारण प्याज की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। इसके परिणामस्वरूप सरकार को प्याज के स्टॉक की बिक्री के लिए प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड का उपयोग करना पड़ रहा है।
सप्लाई चेन में रुकावटें:
भारी बारिश और बाढ़ ने सप्लाई चेन को बाधित कर दिया है, जिससे सब्जियों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सप्लाई में रुकावटों का असर आने वाले समय में भी कीमतों पर पड़ सकता है।
खाद्य तेल की कस्टम ड्यूटी:
इंपोर्टेड खाद्य तेल पर अधिक कस्टम ड्यूटी लगने से रिटेल कीमतें भी प्रभावित हो रही हैं। इससे खाने-पीने की चीजों की महंगाई बढ़ने का खतरा है।
फसल की कटाई पर निर्भरता:
विशेषज्ञों के अनुसार, अब ध्यान फसल कटाई के सीजन पर होगा। सामान्य से ज्यादा बारिश से फसलों को और नुकसान होने की आशंका है, जिससे आगे महंगाई बढ़ सकती है।
बुआई क्षेत्र में वृद्धि:
कृषि मंत्रालय की जानकारी के अनुसार, इस साल बुआई क्षेत्र में 2% की वृद्धि हुई है, जिससे उम्मीद है कि आने वाले समय में फसलों की आपूर्ति सामान्य हो सकती है।
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