सीएम की सभा में हंगामा करने वाले युवक को आज तक नहीं मिला न्याय
बैतूल – Dead Man Alive – अपने पिता को कागजों में जिंदा करने के लिए एक पुत्र लगातार संघर्ष कर रहा है, लेकिन कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यह वही पुत्र है जिसने अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए बैतूल में 12 फरवरी 2022 को सीएम की सभा में हंगामा किया था। पुत्र अभी भी न्याय के लिए भटक रहा है। यह मामला अब एडीशनल डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस होशंगाबाद संभाग तक पहुंच गया है। पीड़ित पुत्र विजय धाकड़ ने शिकायत करते हुए पुनः मामले की उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि आठ एकड़ जमीन के लिए विजय धाकड़ के पिता तिलकचंद धाकड़ को रिश्तेदारों ने कागजों में मार डाला और उसकी जमीन हड़प ली। ये बुजुर्ग अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए पिछले 17 साल से सिस्टम से लड़ रहा है। चौंकाने वाला यह मामला मुलताई तहसील के तांईखेड़ा गांव के तिलकचंद धाकड़ का है। जो दिसंबर 2004 से सरकार के राजस्व रिकॉर्ड में मर चुके हैं। इसके बाद फौतीनामा के जरिए उसके नाम की संपत्ति दूसरों के नाम स्थानांतरित हो गई।
इस मामले को लेकर सीएम शिवराज की सभा में हंगामे के बाद प्रशासन और पुलिस हरकत में आई थी। मुलताई पुलिस ने किसान की पत्नी सावित्री बाई और बेटे राजू किराड़ के खिलाफ धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज किया था। एफ आई आर में कहा गया था कि दोनों पटवारियों ने नामांतरण प्रकरण की सूक्ष्म जांच किए बिना फौती नामांतरण दर्ज कर दिया था। इस नामांतरण के समय संशोधन पंजी में किसान की पत्नी सावित्री और बेटे राजू के हस्ताक्षर भी होना पाया गया था। इसके अलावा दोनों ने किसान के मृत होने के संबंध में एक झूठा शपथ पत्र भी दिया था, जिसके आधार पर इन चारों पर एफ आई आर की गई थी।
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
इस मामले में युवक का आरोप है कि पुलिस ने आनन-फानन में एफआईआर तो कर दी थी, लेकिन अगले ही दिन 13 फरवरी को एसडीएम और मुलताई पुलिस ने मिलीभगत कर अनावेदकों को छोड़ दिया। शिवरती बाई, राजेंद्र माकोड़े अब भी उनकी कृषि भूमि पर काबिज है। फर्जी सरकारी दस्तावेज षडयंत्र पूर्वक तैयार कर पुलिस ने उनकी मां भाई पर 420 का झूठा प्रकरण दर्ज कर दिया। इस मामले की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।
विजय धाकड़ का कहना है कि तहसील कार्यालय से लेकर सीएम ऑफिस तक सैकड़ों बार शिकायत कर चुके हैं। 30 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में पेंडिंग है। विजय धाकड़ का कहना है कि 2004 में उसके पिता को रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया था। रिश्तेदारों ने षड्यंत्र कर प्रशासन को गुमराह कर 8 एकड़ जमीन फौतीनामा के आधार पर किसी और के नाम स्थानांतरित करा दिया। षड्यंत्रकारों ने उनके पास जमीन नहीं छोड़ी। अब उन्हें दूसरों की मजदूरी करने के लिए छोड़ दिया।