बैतूल{Court ka Faisla} – कोतवाली बैतूल ने रेलवे अधिकारी विपिन बाकड़े, सुनील धोटे एवं एक महिला अधिकारी के विरूद्ध भादसं की धारा 306/34, 498 के तहत अपराध क्रं. 792/2018 के अंतर्गत मामला कायम कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया था। पुलिस का यह मानना था कि तीनों आरोपियों की प्रताडऩा के कारण मृतिका ने आत्महत्या की थी। मृतिका आरोपी विपिन की पत्नी थी।
मृतिका ने आरोपियों के विरूद्ध आत्महत्या से संबंधित सुसाइड नोट भी लिखकर छोड़ा था। अभियोजन ने आरोपियों के विरूद्ध रमेशचंद, डॉ. प्रतिभा रघुवंशी, अस्पताल चौकी प्रभारी सुरेंद्र वर्मा, डॉ. आनंद मालवीय, मृतिका की बहन रेखा भार्गव (खरगोन), योगेंद्र सोलंकी (रायपुर) मृतिका के चाचा, रितेश मृतिका का भाई, मृतिका की बहन राखी भावसार (मुम्बई), मृतिका के चाचा वीरेंद्र भावसार (इंदौर) एवं विवेचक दुर्गाप्रसाद जाटव के कथन करवाए।
जिला एवं द्वितीय अपर सत्र न्यायालय बैतूल ने सत्र प्रकरण क्रमांक 9/2018 में तीनों आरोपियों को पूरी तरह दोष मुक्त किया। आरोपियों की ओर से पैरवी अधिवक्ता प्रशांत गर्ग, मनीष गर्ग, युवा अधिवक्ता सजल गर्ग एवं राघवेंद्र रघुवंशी ने की। लगाए गए किन्ही आरोपों को माननीय न्यायालय द्वारा किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया गया ।
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