Congress ke Neta : नोटिस-नोटिस खेल रहे कांग्रेस के गुटों के नेता

लेटने के बाद भी नहीं सुधर रही कांग्रेस

बैतूल{Congress ke Neta} – पंचायत एवं नगरीय निकाय के चुनाव में जिले में कांग्रेस का लगभग सूपड़ा साफ हो गया है। जिले में पांच में से चार कांग्रेस विधायक होने के बावजूद कांग्रेस जिला पंचायत सदस्यों के चुनावों हो या निकाय चुनाव हो या जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव हो सभी जगह कांग्रेस लेट गई है। कांग्रेस की बुरी गत होने के बावजूद भी कांग्रेस संगठन और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे को निपटाने के लिए हाथ-पैर धोकर लग गए हैं। और निपटाओ अभियान यह बता रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कैसी बुरी गत होनी है।

पार्षद प्रत्याशी झूठे या कांग्रेस संगठन

24 जुलाई को जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनील शर्मा ने जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष अरूण गोठी को पत्र लिखकर निष्कासित करने की चेतावनी दी थी। पत्र में बताया गया था कि बैतूल नगर पालिका चुनाव के पार्षद उम्मीदवारों द्वारा शिकायत की है कि अरूण गोठी ने विभिन्न वार्डों में पार्टी लाइन से हटकर भाजपा के पार्षद उम्मीदवारों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है जिससे कांग्रेस पार्टी को क्षति हुई है। उनको सात दिन का समय देते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया था। नहीं देने पर निष्कासन करने की कार्यवाही की चेतावनी दी गई थी। लेकिन सात दिन का नोटिस दो दिन में जिला कांग्रेस ने वापस ले लिया। अब कांग्रेस संगठन यह स्पष्ट नहीं कर रहा है कि नोटिस वापस लेने का कारण क्या है? क्या पार्षद प्रत्याशियों ने झूठ बोला था? या कांग्रेस संगठन ने गुटीय समीकरणों के चलते नोटिस दिया था। क्योंकि यदि कांग्रेस पार्षद प्रत्याशियों ने अरूण गोठी को भाजपा का सहयोग करने का आरोप लगाया तो फिर इसकी जांच करने से पहले नोटिस वापस कैसे ले लिया।

इन प्रश्रों का जवाब नहीं आया सामने

  1. जिन कांग्रेस पार्षद प्रत्याशियों ने अरूण गोठी को भाजपा का समर्थन करने का आरोप लगाया था उनके नाम क्या है?
    2.इन पार्षद प्रत्याशियों के आरोपों की जांच के लिए जिला कांग्रेस ने कौन सी जांच कमेटी बनाई थी।
  2. क्या जांच रिपोर्ट आने के पहले ही अरूण गोठी को नोटिस दिया गया था।
  3. क्या जांच रिपोर्ट में अरूण गोठी को क्लीन चिट दी गई।

ब्रम्हा भलावी के पत्र की टाईमिंग

खबरवाणी को मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही कांग्रेस के दूसरे गुट को यह पता लगा कि जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा अरूण गोठी को शोकाज नोटिस दिया है। तभी आनन-फानन में घोड़ाडोंगरी के कांग्रेस विधायक ब्रम्हा भलावी से अरूण गोठी को घोड़ाडोंगरी जनपद पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव का प्रभारी बनाने का पत्र जारी करवा दिया गया। क्योंकि सभी जानते हैं थे कि घोड़ाडोंगरी जनपद में कांग्रेस का बहुमत है और कांग्रेस का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष बनेगा और उसका श्रेय अरूण गोठी को देते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष के नोटिस का महत्व खत्म करने का प्रयास किया गया।

सुनील शर्मा ने क्यों लिया वापस नोटिस?

खबरवाणी को कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही अरूण गोठी को जिला कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा शोकाज नोटिस दिया गया वैसे ही बैतूल से मुलताई और मुलताई से छिंदवाड़ा और छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल तक कांग्रेस के विभिन्न मठाधीशों को सक्रिय किया गया। और छिंदवाड़ा से आए एक फोन के बाद सुनील शर्मा को यह नोटिस वापस लेना पड़ा, क्योंकि सुनील शर्मा भी छिंदवाड़ा दरबार से ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष बने थे।

पक्षपात आया सामने

कांग्रेस के लिए हमेशा समर्पित रहने वाले और हर चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए नामांकन फार्म भरने से लेकर समस्त कागजी कार्रवाई पूर्ण करवाने वाले कांग्रेस नेता हेमंत पगारिया को कुछ दिनों पूर्व जिले के कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर प्रदेश कांग्रेस द्वारा प्रवक्ता पद से हटाया गया था, लेकिन अभी तक इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस यह नहीं बता पाई की वे किस तरह से निष्क्रिय थे। जबकि कांग्रेस नेता धीरू शर्मा के कांग्रेस से दिए गए इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया गया।

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