Congress culture: कांग्रेस कार्यकर्ता ने हाथ में तिरंगा लेकर सिद्धारमैया के जूते उतारे 

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Congress culture: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक नए विवाद में घिर गए हैं, जो उनके लिए राजनीतिक और सार्वजनिक रूप से मुश्किलें खड़ी कर रहा है। हाल ही में, एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक कांग्रेस कार्यकर्ता को सिद्धारमैया के जूते उतारने में मदद करते हुए देखा गया, जबकि उसके हाथ में तिरंगा झंडा था। यह घटना महात्मा गांधी जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई। कार्यकर्ता ने सिद्धारमैया के जूते उतारने में मदद की, जबकि वह तिरंगा पकड़े हुए था, और थोड़ी देर बाद सुरक्षा कर्मचारियों ने तिरंगा उसके हाथ से ले लिया। इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर सिद्धारमैया की आलोचना हो रही है, और उन्हें राष्ट्र के प्रतीक का अपमान करने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

भाजपा की प्रतिक्रिया:

भाजपा नेता पोंगुलेटी सुधाकर रेड्डी ने इस घटना को कांग्रेस की संस्कृति का हिस्सा बताते हुए “राष्ट्र के गौरव का अपमान” कहा और सिद्धारमैया से देश से माफी मांगने की मांग की। इस घटना ने राजनीतिक रूप से भी गर्मी पैदा कर दी है, क्योंकि भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) पहले से ही सिद्धारमैया पर मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) घोटाले को लेकर निशाना साध रहे थे।

MUDA घोटाले का विवरण:

सिद्धारमैया और उनके परिवार पर MUDA द्वारा जमीन आवंटन में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। साल 1992 में मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने रिहायशी इलाकों के विकास के लिए किसानों से जमीन ली थी। इसके बदले में MUDA ने 50:50 स्कीम के तहत जमीन मालिकों को मुआवजे के रूप में साइट्स आवंटित कीं। आरोप यह है कि 2022 में सिद्धारमैया की पत्नी बीएन पार्वती को 3.16 एकड़ जमीन के बदले 14 साइट्स आवंटित की गईं, जो बहुत ज्यादा मूल्य की थीं।

हालांकि, इस जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी अधिकार नहीं था, क्योंकि यह जमीन उनके भाई मल्लिकार्जुन ने 2010 में उन्हें गिफ्ट की थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहित किए बिना ही इसका विकास किया था, जिससे यह घोटाला सामने आया। सिद्धारमैया की पत्नी ने 30 सितंबर को यह प्लॉट वापस करने की पेशकश की थी, लेकिन मामला अब कानूनी जांच के दायरे में है।

सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया:

सिद्धारमैया ने इस मामले को “राजनीतिक षड्यंत्र” बताते हुए कहा कि उनकी पत्नी उनके खिलाफ नफरत की राजनीति का शिकार हुई हैं और मानसिक उत्पीड़न झेल रही हैं। उन्होंने ED (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज करने पर भी सवाल उठाया, यह कहते हुए कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित नहीं है, क्योंकि जमीन के बदले जमीन मुआवजे के रूप में दी गई थी। सिद्धारमैया का आरोप है कि यह मामला “बदले की राजनीति” का हिस्सा है।

भाजपा के आरोप:

भाजपा ने इस मामले को “3 हजार से 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला” बताया है और कहा है कि इसमें सिद्धारमैया और उनके परिवार की भूमिका है। RTI कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि पिछले चार वर्षों में MUDA की 50:50 योजना के तहत 6,000 से अधिक साइट्स आवंटित की गई हैं, जिनमें कई अनियमितताएं हैं।

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