Charcha Chaurahe Ki : फला फाइल में माल मिलेगा, फला में नहीं…

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Charcha Chaurahe Kiअब यह चर्चा जिले के प्रशासनिक गलियारों से होते हुए चौक चौराहों पर हो रही है, कि एक दलाल नुमा नेता जिले के एक बड़े अधिकारी की मुखबिरी कर रहा है।

चर्चा है कि प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का यह दलाल नेता जिले के एक अधिकारी के चेंबर में बैठकर खुलकर बताता है, कि फला फाइल में माल मिलेगा, फला में नहीं। चर्चा तो यही है कि वह उस अधिकारी को इसी भाषा में बताता है।

चर्चा तो यह भी है कि प्रशासनिक गलियारों में उक्त अधिकारी को यह माना जाता है कि उनकी ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर है। और भ्रष्टाचार के मामले में भी उक्त अधिकारी के बारे में खुलकर बाहर कुछ नहीं आया है , इसलिए जब इस दलाल नुमा नेता के उक्त अधिकारी के साथ दलाली के संबंधों की बात सामने आई तो लोगों को पहले तो भरोसा नहीं हुआ लेकिन जिस तरह से इस बड़े अधिकारी के चेंबर में विपक्षी दल कांग्रेस का यह दलाल नेता जाता है और काफी देर तक रहता है तो लोगों को लगने लगा है कि दाल में कुछ तो काला है, क्योंकि बगैर आग के धुआं नहीं निकलता है ।

चर्चा तो यह भी है कि इस दलाल नुमा नेता के बारे में यह मशहूर है कि वह कई बड़े नेताओं के लिए पनौती साबित हुआ है। यह दलाल नेता जिसके भी साथ रहा है उसका राजनीतिक अंत हुआ है और अभी भी जिस बड़े नेता की चमचागिरी कर रहा है उसका भी समय अभी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसीलिए कांग्रेस में इस दलाल नुमा नेता के विरोधियों ने इसका नया नाम भस्मासुर दिया है।

चर्चा यह भी है कि लगभग ढाई साल पहले तक यह दलाल नेता पुलिस विभाग के भी एक बड़े अधिकारी की दलाली करता रहा, लेकिन इसकी पनौती का कुछ ऐसा असर रहा कि वह अधिकारी भी ज्यादा समय बैतूल में नहीं टिक पाया और बैतूल से बिदाई के बाद जिला नहीं मिल पाया।

दलाल नुमा नेता की एक और खासियत यह भी है कि उसकी भाजपा में भी पकड़ है , क्योंकि वह लंबे समय से भाजपा में कांग्रेस की मुखबिरी कर रहा है और चुनाव के समय कांग्रेस उम्मीदवार की हर योजना और गतिविधि की जानकारी प्रतिदिन भाजपा खेमे में पहुंचाता रहा है। और इस वफादारी का उसे ईनाम भी मिलता रहा है। लॉकडाउन के दौरान एक प्रमुख समिति का इसे सदस्य बनाकर इनाम दिया गया था।

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