Search E-Paper WhatsApp

बीजेपी को नवरात्रि में मिलेगा नया बॉस! दमदार दावेदारों में किनका पलड़ा भारी

By
On:

भोपाल: मध्य प्रदेश बीजेपी को नया अध्यक्ष नवरात्रि में मिल सकता है. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के चलते इस महीने के पहले पखवाड़े तक बाकी बचे राज्यों में बीजेपी प्रदेश अध्यक्षों के नाम का ऐलान कर देगी. जिससे माह के आखिर तक राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर छंटे बादल भी हटाए जा सके. अब सवाल ये है कि एमपी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में जो नाम हैं उसमें किस नाम पर फाइनल मुहर लगेगी. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अपने चौंकाने वाले फैसलों के लिए जानी जाने वाली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर भी चौंका सकती है.

नवरात्रि में पार्टी को मिल सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष

मध्य प्रदेश बीजेपी को इस नवरात्रि में नया अध्यक्ष मिल सकता है, इसकी संभावनाएं बन रही है. जानकारी के मुताबिक लंबे समय से मध्य प्रदेश में टल रहा प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान नवरात्रि के शुभ मुहूर्त में हो सकता है. प्रदेश में जनवरी की शुरूआत के साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो जानी थी, जो टलते-टलते अप्रैल तक आ गई. लेकिन जानकार बता रहे हैं कि अब और देरी नहीं होगी. बीजेपी का स्थापना दिवस भी नवरात्रि के दौरान ही है.

राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, "हालांकि ये चुनाव का समय नहीं है, लेकिन बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष के पहले भी पर्याप्त मंथन होता है. जातिगत समीकरण, क्षेत्रीय समीकरण सब पर ध्यान होता है. मध्य प्रदेश की गिनती बीजेपी संगठन के लिहाज से उन राज्यों में होती है, जो बीजेपी के आदर्श संगठन कहे जाते हैं. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से दिए गए कई कार्यक्रमों में बीजेपी ने हमेशा अव्वल प्रदर्शन किया है."

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के सारे दावेदार हैं दमदार

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के मामले में इस बार पार्टी के सारे दमदार नेता दावेदार हैं. जिसमें सबसे आगे नाम हेमंत खंडेलवाल का है. पार्टी सूत्रों की मानें तो ये नाम लंबे समय से नंबर एक पर चल रहा है. फिर सामान्य वर्ग से जो दो नाम सर्वाधिक मजबूत हैं उनमें पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और डॉ. अरविंद भदौरिया का है. हालांकि जिस तरह से राजस्थान और एमपी में मुख्यमंत्री के नाम में बीजेपी ने चौंकाया था, वही प्रयोग प्रदेश अध्यक्ष के मामले में भी हो सकता है.

राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं "बीजेपी जातिगत समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखती है. सत्ता के मामले में पार्टी ने लगातार पिछड़ा वर्ग को एड्रेस किया है. उमा भारती से लेकर दिवंगत बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और अब डॉ. मोहन यादव सभी पिछड़ा वर्ग से हैं. अब प्रदेश अध्यक्ष के मामले भी पार्टी काफी मंथन के बाद उस नाम पर मुहर लगाएगी. अब ये नाम बाकी बचे वर्गों से हो सकता है, जिसमें सामान्य भी है और आदिवासी भी."

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News