बैतूल:- प्रदेश की यशस्वी मुख्यमंत्री मोहन यादव जी के सारनी दौरे पर श्रमजीवी पत्रकारों की समस्याओं के संबंध मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष रंजीत सिहं के तत्वाधान में मुख्यमंत्री जी को अमला सारणी क्षेत्र के विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे जी के नेतृत्व में 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। मध्यप्रेदश श्रमजीवी पत्रकार संघ प्रदेश के श्रमजीवी पत्रकारों का सबसे बड़ा और सबसे पुराना एक मात्र प्रतिनिधि संगठन है।
1. प्रदेशाध्यक्ष शलभ भदौरिया के आवाह्न पर बैतूल जिला इकाई ने श्रमजीवी पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर कोयला चल क्षेत्र के शोभापुर क्षेत्र के सुपर मार्केट मे मुख्यमंत्री के तिरंगा यात्रा पहुंचने पर श्रमजीवी पत्रकार संघ के जिला अध्यक्ष रंजीत सिह संभागीय पदाधिकारी अब्दूल रहमान वरिष्ठ उपाध्यक्ष बबलू चढ्ढा, शैलेन्द्र ठाकूर, के नेतुत्व मे प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे जी ने माध्यम से 21 सूत्रीय ज्ञापन सौपा गया जिला अध्यक्ष रंजीत सिह ने कहा की मुख्य मंत्री जी उनकी मांगो पर न केवल -सहानुभूतिपूर्वक ध्यान दें, बल्कि उनका निराकरण भी करें, ताकि वे सहज रूप से अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत बनाने में शासन की मदद कर सकें। मुख्यमंत्री आपकी विशेष उपस्थिति (मुख्य आतिथ्य) में पिछले माह 26 व 27 मार्च 2025 को मुरैना में संपन्न संघ के 25 वां त्रिवार्षिक दो दिवसीय प्रांतीय महाधिवेशन में पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल लागू करने सहित 6 सूत्रीय मांगपत्र आपको दिया था! आपने मांगपत्र पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए शीघ्र ही इस दिशा में हमारे संघ के साथियों के साथ संबंधित अधिकारियों को बिठाकर चर्चा कर स्वीकृत करने का विश्वास दिलाया है। इस अवसर पर महाधिवेशन में मध्यप्रदेश की विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह तोमर भी उपस्थित थे। हमें विश्वास है कि 6 सूत्रीय मांगपत्र के साथ ही अन्य मांगों पर भी आप सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उन्हें क्रियान्वित कराने की दिशा में प्रयत्न करेंगे।
यह है 21 सूत्रीय मांगे:-
पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल लागू करें,भोपाल के मालवीय नगर स्थित हमारे पत्रकार भवन को जिसे कमलनाथ की कांग्रेस सरकार ने हमसे बिना किसी सूचना के छीन लिया था। वह भूमि हमे वापस की जाये,(पत्रकार पेंशन) श्रद्धा निधि योजना में अधिमान्यता होने की शर्त हटाई जाये और उसे आजीवन देने का नियम बनाया जाए,श्रद्धानिधि प्राप्त श्रमजीवी पत्रकार की मृत्यु के बाद यह पेंशन राशि यह श्रद्धानिधि शासकीय कर्मचारियों की ही तरह उनकी विधवा को उनकी मृत्यु तक उपलब्ध कराई जाये,मध्यप्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पत्रकार भवन के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराई जावे,
टोल टेक्स से श्रमजीवी पत्रकारों को मुक्त करने के लिये मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के सदस्यता कार्ड को भी मान्यता दी जाये,पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना को उत्तरप्रदेश की तर्ज पर निशुल्क करके सभी पत्रकारों को इसका बिना शर्त लाभ पहुँचाने की योजना घोषित की जाये,श्रमजीवी पत्रकारों के लिए किसी भी प्रकार की शासकीय कमेटियां बने तो पूर्व की भांति श्रम विभाग से तथा हमारे संगठन मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ से ही नाम मांग कर बनाई जाए, ताकि श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमजीवी पत्रकार संगठन के पंजीयन का कोई ओचित्य रह सके। इसके साथ ही अधिमान्यता समितियों का पुर्नगठन कर प्रदेश और संभाग की समितियों में संघ के सदस्यों को ही पूर्व की भांति प्राथमिकता दी जाये।
श्रमजीवी पत्रकारों को बैंकों से जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाये,श्रमजीवी पत्रकारों पर पुलिस में किसी भी प्रकार के दर्ज प्रकरणों में किसी भी कार्यवाही के पूर्व स्वतः ही प्रकरण सी. आई.डी. को सौंप दिया जाये। सी.आई.डी. की जांच रिपोर्ट के बाद ही अपेक्षित कार्यवाही की जाये,श्रमजीवी पत्रकारों के बच्चों को स्कूलों में लगने वाले शुल्क में 50 प्रतिशत रियायत का प्रावधान किया जाये,जिला मुख्यालयों के सर्किट हाउसों में श्रमजीवी पत्रकारों को भी विधायक और सांसदों की तरह विश्राम करने का अधिकार दिया जाये,श्रमजीवी पत्रकारों को आवंटित शासकीय आवासों के रिन्युवल आवंटन की प्रक्रिया से मुक्त किया जाये,हर जिले में श्रमजीवी पत्रकारों के आवास के लिये रियायती दर पर भूमि उपलब्ध कराई जाये,आर.टी.ओ. द्वारा पूर्व की भांति श्रमजीवी पत्रकारों के वाहनों के पंजीयन क्रमांक की एक अलग सीरीज निर्धारित की जाये।
पत्रकार नहीं होते हुए भी कई लोग अपने वाहनों पर प्रेस लिखवा लेते हैं. इसकी कड़ाई से जाँच हो ताकि फर्जीपने से लोग बाज आ सकें,श्रमजीवी पत्रकारों को आयुष्मान कार्ड योजना से जोड़ा जाये ताकि इससे श्रमजीवी पत्रकारों के परिवारों को उपचार सुविधा उपलब्ध हो सके,जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किये जाने वाले विज्ञापन लघु एवं मध्यम समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं को भी दिये जाये, बड़े अखबारों और लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के साथ भेदभाव खत्म कर विज्ञापन की समान निति अपनाई जाये,अखबारों के प्रकाशन मुख्यालयों में कार्यरत सहायक सम्पादक, उप सम्पादक जैसे पद पर डेस्क पर कार्यरत श्रमजीवी पत्रकारों को भी अधिमान्यता की पात्रता देते हुए अधिमान्यता जारी की जाये,श्रमजीवी पत्रकार को उसके पत्रकार होने के पर्याप्त प्रमाण होने पर जैसे उसके अखबार में छपी उसके नाम की खबरों और जनसंपर्क अधिकारी की अनुशंसा पर ही अधिमान्यता प्रदान की जाये,अखबार मालिकों की अनुशंसा की अनिवार्यता से अधिमान्यता को मुक्त रखा जाये,श्रमजीवी पत्रकार कल्याण आयोग का सरकार गठन करे जिसमें श्रमजीवी पत्रकारों एंव जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को रखा जाय वह अपनी व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करें जिस पर सरकार गंभीरता से विचार कर निर्णय ले। कई राज्य सरकारों ने इस दिशा में पहल की है।
उपरोक्त सभी मांगों पर आप गंभीरता से विचार कर श्रमजीवी पत्रकारों के हित में शीघ्र ही निर्णय हो इस अवसर पर ज्ञापन सौंपने मप्र श्रमजीवी पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष रंजीत सिहं, संभागीय पदाधिकारी अब्दूल रहमान, गुणवंत सिंह चड्डा, शैलेन्द्र ठाकूर,विलास चौधरी, कमलेश जावलकर ,छविनाथ भारव्दाज,कालीदास चौरासे,भीम बहादुर थापा,संतोष लिखितकर,कृष्णा गुप्ता, संदीप झपाटे, अय्यूब मसुरी,संतोष जावलकर, प्रकाश शिवहरे, दिनेश यादव नितिन देशमुख,ललित ललन यादव,अशोक बारंगे,अंजनी सिह,कमलेश जावलकर,प्रवीण सोनी, धमेन्द्र राय, विजय गायकवाड़,विनोद गायकवाड़,योगेश बरडे,प्रकाश डहेरिया,ऋषभ अवस्थी, दिपक शिवहरे,विलास खातरकर, रमेश मिंटू राय,योगेश उपस्थित थे।