भारत और अमेरिका के बीच एक बहुत बड़े व्यापार समझौते यानी ट्रेड डील को लेकर अच्छी खबर आने वाली है, लेकिन भारत सरकार ने अपने तेवर साफ़ कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने डंके की चोट पर कहा है कि यह समझौता तभी फाइनल होगा जब इसमें भारत का भी बराबर का फायदा हो। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हम किसी भी हाल में अपने अन्नदाता किसानों और समुद्र का सीना चीरकर रोजी-रोटी कमाने वाले मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेंगे। यानी अमेरिका को अगर भारत के साथ धंधा करना है, तो हमारी शर्तों का भी मान रखना होगा।
अब तक हो चुकी हैं छह बड़ी बैठकें, जल्द मिल सकती है खुशखबरी
इस बड़े व्यापार समझौते को अमली जामा पहनाने के लिए अब तक भारत और अमेरिका के बीच छह दौर की बातचीत हो चुकी है। इसका मतलब है कि दोनों देश इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं और बात पक्की होने के कगार पर है। पीयूष गोयल ने संकेत दिया है कि जल्द ही इस बारे में कोई बड़ी और पॉजिटिव घोषणा हो सकती है। इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि बातचीत सही दिशा में चल रही है और देशवासियों को जल्द ही मीठा फल मिल सकता है।
सौदा वही खरा, जिसमें दोनों का हो बराबर का फायदा
पीयूष गोयल ने अपनी बात रखते हुए एकदम देसी अंदाज़ में समझाया कि ताली दोनों हाथों से बजती है। उन्होंने साफ़ कहा कि यह डील तभी परवान चढ़ेगी जब यह निष्पक्ष और संतुलित होगी। ऐसा नहीं हो सकता कि सिर्फ अमेरिका का माल बिके और भारत देखता रह जाए। यह सौदा तभी फाइनल माना जाएगा जब इसमें दोनों देशों को बराबर का लाभ मिलेगा। भारत अब वो पुराना देश नहीं रहा जो दबाव में आ जाए, अब हम अपनी शर्तों पर और बराबरी के दर्जे पर ही व्यापार करते हैं।
हमारे किसान और मछुआरे हैं हमारी पहली प्राथमिकता
इस पूरे समझौते में जो सबसे बड़ी बात निकलकर सामने आई है, वो है भारत के गरीब और मेहनतकश वर्ग की चिंता। मंत्री जी ने साफ़ कर दिया है कि इस डील में किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करना मोदी सरकार की पहली प्राथमिकता है। अगर किसी विदेशी नियम या कानून से हमारे किसानों की खेती या मछुआरों के जाल पर असर पड़ा, तो ऐसी डील हमें मंजूर नहीं होगी। सरकार जानती है कि ये वर्ग देश की रीढ़ की हड्डी हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा सबसे पहले सुनिश्चित की जाएगी।
छोटे व्यापारियों और एमएसएमई का भी रखा जाएगा पूरा ख्याल
सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि छोटे उद्योगों और एमएसएमई सेक्टर पर भी सरकार का पूरा फोकस है। पीयूष गोयल ने बताया कि बातचीत की प्रक्रिया में छोटे धंधे वालों के हितों को भी ऊपर रखा गया है। अमेरिका जैसी बड़ी आर्थिक ताकत के साथ जुड़ने पर हमारे छोटे व्यापारियों को नुकसान न हो, इसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि इस डील से हमारे छोटे मैन्युफैक्चरर्स को नई तकनीक और बड़ा बाज़ार मिले, जिससे उनकी कमाई में बढ़ोतरी हो।
Read Also:Kapil Sharma Cafe Firing: दिल्ली में धरा गया शूटर! गोल्डी गिरोह से कनेक्शन और हथियार बरामद
विदेशी पैसा आएगा तो रुपया होगा मजबूत और घट सकती है महंगाई
पीयूष गोयल ने यह भी बताया कि सरकार देश में विदेशी निवेश यानी एफडीआई को बढ़ाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है। जब विदेशी कंपनियां भारत में पैसा लगाएंगी और कारखाने खोलेंगी, तो यहाँ के नौजवानों को नौकरियां मिलेंगी। साथ ही, जब डॉलर देश में आएगा तो हमारा रुपया भी मजबूत होगा। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा क्योंकि रुपये की मजबूती से महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर, सरकार की कोशिश यही है कि आम आदमी की थाली और जेब, दोनों खुशहाल रहें।





