आठनेर: “जल ही जीवन है” इस बहुचर्चित वाक्य का वास्तविक अर्थ अब पूरी दुनिया के सामने विकराल रूप में खड़ा है।भारत समेत विश्व के कई देशों में पानी की उपलब्धता संकट की ओर बढ़ रही है।वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं कि यदि जल संरक्षण पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया तो अगले कुछ दशकों में जल युद्ध भी हो सकते हैं।यह विचार मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद आठनेर के निर्देशन में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत नवांकुर संस्था ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति बोरपानी के तत्वाधान में प्रस्फुटन समिति सिवनपाट के सहयोग से ताप्ती नदी पर स्वच्छता अभियान कार्यक्रम में नवांकुर संस्था बोरपानी के अध्यक्ष एवं जनपद सदस्य राजू सलाम ने व्यक्त किये।उन्होंने कहा की पानी केवल एक प्राकृतिक संसाधन नहीं,बल्कि पृथ्वी पर जीवन की धुरी भी है।परामर्शदाता एवं समाजसेवी आशुतोष सिंह चौहान ने कहा कि वर्षा जल संचयन को अनिवार्य बनाना होगा।जलस्रोतों की स्वच्छता एवं पुनर्जीवन पर बल देना होगा।जल संकट केवल सरकार की चुनौती नहीं,बल्कि हर नागरिक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।एक-एक बूंद बचाकर ही हम अपने बच्चों का सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।जल संरक्षण समय की महती पुकार है।उसे हमें अनसुना नहीं करना है।हमें बूंद बूंद वर्षा जल बचाकर सागर भरना है।समय रहते यदि हम जागरूक नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ियों को इसका भयंकर खामियाजा भुगतना पड़ेगा।कार्यक्रम अंतर्गत ताप्ती नदी के घाटों की सफाई की गई तथा जल में फैली गंदगी,प्लास्टिक की बोतले,कपड़े,पन्नियां,थर्माकोल इत्यादि को समेट कर उचित निस्तारण किया गया।कार्यक्रम में मानव श्रंखला बनाकर जल संरक्षण का संकल्प लिया गया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद विकासखंड आठनेर की विकासखंड समन्वयक मधु चौहान,नवांकुर संस्था सावंगी के अध्यक्ष दिनेश माकोड़े,फुलचंदजी, परामर्शदाता दिनेश साकरे, रूपाली पांसे,मुख्यमंत्री सामुद्रिक नीति क्षमता विकास कार्यक्रम के छात्र सुभाष सिलधारे,सरिता झाड़े,धीरज झाड़े,उमेश कासदे,सुरेश इवने,अशोक उइके सहित बड़ी संख्या में ग्राम बोरपानी एवं सिवनपाट की प्रस्फुटन समितियो के सदस्य उपस्थित रहे।कार्यक्रम का समापन आरती कर एवं भोजन प्रसादी से किया गया।
आठनेर: पृथ्वी पर जीवन की दूरी है पानी – राजू सलामे, जल संरक्षण समय की पुकार,हमें बूंद बूंद बचाकर भरना है सागर – चौहान

For Feedback - feedback@example.com