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Kheti Kisani – खेती में पैदावार बढ़ाने Gypsum Khad का करें इस्तेमाल 

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यहाँ जानें इस्तेमाल करने का सही समय और सही तरीका 

Kheti Kisani रबी फसलों की उम्र अब 70 से 80 दिनों की हो गई है। किसी भी पौधे की स्वस्थ वृद्धि और बेहतर विकास के लिए, खाद और उर्वरक दोनों ही बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं। इस संदर्भ में, हम आपको यहां जिप्सम खाद के बारे में जानकारी देने वाले हैं। जिप्सम खाद की 50 किलो बोरी की कीमत, खेत में जिप्सम खाद डालने के फायदे, और इसके फसलों के लिए किस तरह से उपयोग से विस्तारित हो सकता है।

जिप्सम खाद क्या है | Kheti Kisani 

कृषि क्षेत्र में जिप्सम खाद एक मिश्रण होता है जिसमें सल्फर 18.5% और कैल्शियम 23.3% पाया जाता है। फसलों में पोषक तत्वों में सल्फर चौथा सबसे बड़ा माना जाने वाला पोषक तत्व है, जो इसमें सस्ते दामों में मिलता है। रसायनिक खादों का अधिक उपयोग करने से भूमि निष्क्रिय हो जाती है, इसके बाद जिप्सम उर्वरक को उपजाऊता लाने के लिए काम में लाया जाता है।

जिप्सम खाद से होने वाले लाभ | Gypsum Khad 

  • जिप्सम खाद से मृदा में पोषक तत्वों (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम और सल्फर) की उपलब्धता में सक्रियता आती है।
  • ज्यादातर फसलों में कैल्शियम और सल्फर की आवश्यकता होती है, जिनकी पूर्ति इससे आसानी से हो जाती है।
    इससे फसलों की पौधों की जड़ों की सामान्य वृद्धि और विकास में मदद मिलती है। सल्फर यहाँ उचित मात्रा में होता है, जिससे फसल के संरक्षण में भी बड़ी सहायता मिलती है।
  • जिप्सम को दलहनी-तिलहनी और विशेष गन्ध फसलों में डालने से सल्फर की आपूर्ति होती है।
  • जिप्सम खाद से खेतों की मिट्टी हल्की बनती है और भूमि में वायु का आवागमन सुगम बना रहता है, जिससे फसलों की जड़ें स्वस्थ रहती हैं। इस उर्वरक के इस रूप से मिट्टी को कठोर परत बनने से रोका जाता है और मृदा में जल का प्रवाह बढ़ता है।
  • कैल्शियम की कमी के कारण फसलों में पीलापन, पत्तियों के किनारों पर सफेदता, पौधों का सुकड़ना, ज्यादा कमी के दौरान पौधों की वृद्धि में रुकावट आती है, जो जिप्सम के उपयोग से दूर हो सकती है।
  • जिप्सम खाद का उपयोग कृषि भूमि को उपजाऊ बनाने में और फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता को बेहतर बनाने में किया जाता है।

जिप्सम खाद इस्तेमाल करने की समयावधि | Kheti Kisani 

जिप्सम को खाद के रूप में फसलों की बोने से पहले इस्तेमाल किया जाता है। इससे पहले जिप्सम को छिड़कने से पहले, खेत को 2-3 गहराई में अच्छी तरह जोता जाना चाहिए और तापमान को 30-32 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंचाना चाहिए। बुरकाव के बाद, थोड़ी और हल्की जोताई की जाती है, जिससे खाद मिट्टी में मिल जाती है।

क्षारीय भूमि में जिप्सम को बार-बार मिलाने की जरूरत नहीं होती। अध्ययनों में पाया गया है कि यदि धान की फसल को क्षारीय भूमि में लगातार उगाया जाए, तो भूमि का क्षारीयपन कम होता है। खेतों को भी लंबी अवधि के लिए खाली नहीं छोड़ना चाहिए। जिप्सम उर्वरक  का उपयोग करते समय, ध्यान देना चाहिए कि मौसम का तापमान 30-32 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो, जिससे खाद का छिड़काव सबसे उचित हो।

प्रति एकड़ खाद की मात्रा | Gypsum Khad 

मृदा परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर जिप्सम की आवश्यक मात्रा का निर्धारण किया जाता है। सामान्यत: प्रति एकड़ 100 किलोग्राम जिप्सम  का उपयोग किया जा सकता है। अगर इसमें कमी या अधिकता हो, तो 50 किलोग्राम ऊपर या नीचे जोड़ी जा सकती है या मात्रा बदली जा सकती है।

खाद पर मिलने वाली सब्सिडी | Kheti Kisani 

सरकार हर वर्ष किसानों को खाद और उर्वरक पर सब्सिडी देती है। जिप्सम खाद की वर्तमान कीमत 120 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन बिना सब्सिडी के यह 480 रुपये प्रति क्विंटल कीमत पर बेची जाती है। जब बात 50 किग्रा बोरी की कीमत की होती है, तो किसानों को यह 300 से 500 रुपये के बीच मिलती है, जो कि जगह-जगह अलग होती है।

यह खाद विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित होती है, लेकिन सामान्यतः: इसकी कीमत 6 से 10 रुपये प्रति किलो के आसपास होती है। किसान इसे अपने कृषि ब्लॉक कार्यालय या जिला कृषि अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं, और यह निजी क्षेत्र में विश्वसनीय कृषि खाद-बीज केंद्र से भी खरीदी जा सकती है।

Source – Internet   
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