बैतूल – Social Media Post – मुलताई नगर पालिका परिषद में भाजपा का बहुमत होने के बावजूद भाजपा के तीन पार्षदों द्वारा विद्रोह के बाद विद्रोही भाजपा पार्षद श्रीमती नीतू परमार कांग्रेस के समर्थन से नपाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित तो हो गई लेकिन इसके बाद से मुलताई की राजनीति में उबाल आ गया है। पहले तो भाजपा के 2 विद्रोही एवं 6 निष्ठावान पार्षदों ने पार्षद पद से इस्तीफा देने की बात कही उसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ इसके कुछ दिनों बाद नगर पालिका परिषद मुलताई द्वारा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सभी 13 पार्षदों के फोटो के साथ शहर में एक होर्डिगस लगाया गया। जिसमें जन्माष्टमी, रक्षाबंधन, भुजलिया एवं 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की समस्त नगरवासियों को हार्दिक बधाई का उल्लेख था। लेकिन इस होर्डिंग पर अज्ञात लोगों द्वारा अध्यक्ष श्रीमती नीतू परमार एवं भाजपा के दो कथित विद्रोही पार्षद पंजाब चिकाने एवं रितेश विश्वकर्मा के फोटो पर कालिख पोत दी गई।
जिसको लेकर मुलताई शहर में चर्चा का बाजार गर्म हो गया और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले भाजपाई और कांग्रेसी अलग-अलग तरीके से अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। कुछ ने तो इसे राजपूत समाज की महिला का अपमान बताते हुए मर्द का बच्चा हो तो सामने आने का चैलेंज भी कर दिया। वहीं किसी ने तो इसे पीठ पीछे टुच्चाई करना निरूपित किया।
सांध्य दैनिक खबरवाणी द्वारा इस मुद्दे को लेकर मुलताई और अन्य क्षेत्रों के प्रतिष्ठत नागरिकों एवं विभिन्न राजनैतिक दलों के सक्रिय नेताओं के द्वारा फेसबुक पर की गई टिप्पणी के हू ब हू अंश यहां पर प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
एक नजर में किसने क्या कहा
- राजरानी परिहार– एसडीएम, एसडीओपी, थाना प्रभारी से निवेदन है कि नगर पालिका की प्रथम नागरिक नपाध्यक्ष के छायाचित्र पर काला लगाने वालों पर त्वरित कार्यवाही हो। नपाध्यक्ष के बैनर पर उनके चित्र पर काला लगाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। यह मुलताई की महिलाओं का अपमान है। मैं इसकी घोर निंदा करती हूं।
- अक्षय सोनी– नगर में जो हुआ उसका विरोध क्यों नहीं हुआ या क्यों नहीं हो रहा इससे क्या संदेश जा रहा? जो गद्दार हैं उनको दोनो तरफ से लाखो मिले, प्लाट मिले, पद मिला और 5 वर्षों तक कमाई का जरिया। जो ईमानदार थे उनको क्या मिला? इसके खिलाफ खामोशी क्यों है? ना पार्टी की तरफ से कोई कार्यवाही । एक छोटे से नगर से सीधे देश की राजनीति। पहले अपना घर देखना पड़ेगा नहीं तो लोग हंस रहे है।
- मोनू तपन खण्डेलवाल– मैंने यह स्लोगन मुलताई नगरपालिका के परिपेक्ष्य में नहीं पोस्ट किया था किंतु कुछ मित्रों ने इसका रूख मोड ही दिया है तो मुझे व्यक्तिगत रुप से जो नगरपालिका में संवैधानिक रुप से चुनाव हुआ वह पूर्ण रूप से स्वीकार्य है। हमारी विचारधारा की पार्टी जिले में कमजोर जिला नेतृत्व के चलते पूरे जिले में चार परिषदों आमला, मुलताई, शाहपुर, घोडाडोंगरी में समन्वय नहीं बना पाई किंतु मुलताई में जो अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं वे भाजपा की है। मुझे उम्मीद है वे मां तापी नगरी में विकास के नये आयाम रचेगी।
- राजेंद्र शिवहरे– आपका अध्यक्ष नहीं बना उनकी नजर से देखो जिनके पक्ष के अध्यक्ष बने हैं वे कितने संतुष्ट है, तुम नहीं कोई और हर बार कुछ नया होता है, जनता सब जानती है इसलिए परिवर्तन होता है। ऊपर से नीचे तक चल रहा है पुराना हटाओ नया लाओ। कमल निशान से जीता भाजपा अध्यक्ष भाजपा का होगा उसको कांग्रेस में जाने के लिए उकसा रहे। भाजपा में आये नए बने नेता जो अपने आप को सर्वेसर्वा, चमचागिरी करने वाले नेता है वो ही बवाल कर रहे हैं आम जनता को कोई दिक्कत नहीं है।
- हेमंत माथनकर– जिस पार्टी ने राज्यों में दूसरी पार्टी को तोडक़र पैसे के दम पर अपनी सरकार बनाई। किसी ने एक छोटी सी सरकार बनाकर उनको आईना दिखा दिया तो इतना दर्द नहीं होना चाहिए। खुद ने करा तो मास्टर स्ट्रोक दूसरा कोई करे तो गद्दारी। वा जी वा… दोगुनापन आपसे बेहतर किसी के पास नहीं। ये नगरपालिका का मामला है थोड़े दिनों का ट्रेलर है फिर सब रास्ते पर आ जाएगा। वैसे भी नौटंकी भाजपाईयों का गहना है।
- अजेंद्र सिंह परिहार– अध्यक्ष पूरे नगर का होता है, तेरा-मेरा नहीं होता उसमें। ओछी और नीच मानसिकता के लोगों को सत्ता सुख नहीं मिला तो बौखला रहे हैं बस इतना कह सकते हैं। राजपूत समाज की महिला का अपमान करना बहुत महंगा पड़ेगा मर्द का बच्चा होगा तो सामने आकर बोल। मर्द बनो सामने से विरोध करो, पीठ पीछे क्या टुच्चाई कर रहे।
- सुनील यादव– किसी की फोटो पर काला लगाकर किसी की नजरों में गिरा नहीं सकते हो। और ऐसे लोगों की औकात तो जनता को पता चली है।
- प्राची भार्गव-सत्ता का खेल तो चलते रहता है, सरकारें बदलते रहती है लेकिन इस प्रकार किसी भी मनुष्य के चेहरे पर कालिख पोतना अतिशय निंदनीय कृत्य है।
- जितेंद्र साहू – इसी मतभेद में विधानसभा और नपा हारे
- मनोज बारंगे– अध्यक्ष मुंंह से भाजपा का और मन से कांगे्रस का।
- हेमंतचंद सिंह सोलंकी– जनता ने पार्षदों को विकास कार्यों के लिए जिताया है। इस्तीफा देने के लिए नहीं। जो पार्षद इस्तीफा दे रहे हैं उनको दुबारा वोट नहीं देना चाहिए। ये हमारे वोटों का अनादर है।
- नितेश डहारे– अध्यक्ष जब बना था तो बहुत कुछ हो रहे थे। अब क्यों नौटंकी कर रहे हो, अध्यक्ष तो तुम्हारा ही है। अध्यक्ष तो कांगे्रस ने ही वोट देकर बनाया है।
- सुनील परिहार– वैसे शासन ने सभी 8 पार्षदों के इस्तीफे को मंजूर कर लेना चाहिए। कम से कम 6 माह बाद नगर पालिका अध्यक्ष अच्छे से काम कर सके।
- अविनाश देशमुख– बीजेपी के पार्षद अपना काम करने से भाग रहे हैं।
- राज खण्डेलवाल– अभी तक जनता को यह नहीं मालूम कि अध्यक्ष भाजपा का है या कांग्रेस का।
- आदर्श सिंह ठाकुर– मुलताई नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ विवादित बोलने वालों को समझा रहा हूं अपनी औकात में रहना। राजपूत की बेटी है याद रखना।
- रोहन सिंह रघुवंशी– सर्वण जाति पर अभद्र टिप्पणी या व्यवहार होता है तो समर्थन में कोई नेता नहीं आते। वोट बैंक की राजनीति करना बंद करे। अन्यथा आगामी विधानसभा में नतीजा देखने को मिलेगा।
- सुखदेव वामनकर-बेटी किसी भी समाज या जाति की हो इस प्रकार की अभद्रता निंदनीय है। किसी के साथ भी ऐसी हरकत को बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वह वर्तमान में सम्मानीय महिला है। नगर की प्रथम महिला है।