Positive News : कैंसर के खिलाफ कालोनाईजर ने छेड़ी जंग

कालोनियों में नहीं लगेंगे मोबाइल टॉवर

बैतूल(कुलदीप भाटिया) – रासायनिक खादों के बढ़ते उपयोग और मोबाइल टॉवरों से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से कैंसर जैसी घातक जानलेवा बीमारी से आए दिन लोग ग्रसित होकर काल के गाल में समा रहे हैं। रुपए कमाने की अंधी दौड़ में जिंदगी को इस तरह से झोंका जा रहा है कि कहा नहीं जा सकता है।

ऐसी विपरित परिस्थितियों में यदि कोई कालोनाईजर कालोनी में यह पहल करते हुए प्लाटों का विक्रय कर रहा है कि भविष्य में कालोनी के किसी भी मकान पर सोसायटी मोबाइल टॉवर लगाने की अनुमति नहीं देगी तो यह पर्यावरण के साथ-साथ मानवता और इंसानियत के लिए बड़ी बात है। इस कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही होगी। कैंसर के खिलाफ इस जंग की शुरूवात समाजसेवी अनिल खवसे एवं संदीप सोनी ने की है जिसकी लोग मुक्त कण्ठ से प्रशंसा कर रहे हैं।

बढ़ रही है कैंसर मरीजों की संख्या

कालोनाईजर्स अनिल खवसे और संदीप सोनी ने जो पहले की है उसको लेकर उनकी सराहना तो हो ही रही है। इस निर्णय को लेने के पीछे के जो कारण उसको लेकर श्री खवसे ने बताया कि उनका घर विवेकानंद वार्ड में है। इस इलाके में सभी कंपनियों के मोबाइल टॉवर लगे हुए हैं। देखने में आया कि इस वार्ड में कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है। पिछले डेढ़ साल में कैंसर की बीमारी से दो युवाओं की भी मौत हो चुकी है।

पहले जहां पक्षियों की चहचहाट गूंजती रहती थी अब वह पक्षी भी नजर नहीं आते हैं। कहीं ना कहीं मोबाइल टॉवरों से निकलने वाले रेडिएशन के कारण यह सब हो रहा है। इसके चलते हमारी कंपनी ने निर्णय लिया है कि हमारी कालोनी में मोबाइल टॉवर नहीं लगाए जाएंगे।

वर्तमान में बटामा इलाके में तीन कालोनी विकसित की हैं और इसमें लगभग ढाई सौ प्लांट बेचे गए हैं और इन सभी की रजिस्ट्री में कंडिका दी गई है कि क्रेता द्वारा क्रय किए गए प्लाटों या उसके मकान पर किसी भी प्रकार के मोबाइल टॉवर लगाने की अनुमति सोसायटी द्वारा कभी भी नहीं दी जाएगी।

बनना चाहिए सिविल कमेटी: दुबे

कैंसर की जंग जीतकर आए हॉकी खिलाड़ी हेमंतचंद्र बबलू दुबे ने इस बीमारी को बहुत ही नजदीकी से देखा और तकलीफों को झेला है। इसके बाद उन्होंने कैंसर के खिलाफ अभियान चलाया। श्री दुबे का कहना है कि देश में प्रतिदिन 3 हजार 465 कैंसर मरीजों की मौत होती है। बैतूल में भी वर्तमान में लगभग 200 कैंसर मरीज हैं। इसके अलावा बहुत मरीजों की मौत हो चुकी हैं। कैंसर तंबाकू, पेस्टीसाईड, प्लास्टिक के कारण तो ही रहा है।

लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण मोबाइल टॉवर हैं जिससे निकलने वाला रेडिएशन भी कैंसर का बड़ा कारण बनता है। मोबाइल टॉवरों को लेकर कभी भी मानीटरिंग नहीं होती है और ना ही इसके लिए कोई सिविल कमेटी बनाई गई है जो यह देख सकें कि कितनी फिक्वेंसी से रेडिएशन छोड़ा जाना चाहिए। कंपनी अपना मुनाफा कमाने के लिए मनमानी करती हैं।

कैंसर जागरूकता के लिए संतुलन संस्था कर रही है कार्य

कैंसर के मरीजों की संख्या बढऩे को लेकर चिंता का विषय है इसी को लेकर जिले की सामाजिक संस्था संतुलन ने कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया है। संस्था के अध्यक्ष मोहित गर्ग ने बताया कि अभी तक संस्था के द्वारा कैंसर को लेकर 5 कैम्प आयोजित किए जा चुके हैं। छटवां कैम्प जो फरवरी में होना था वह कोविड के कारण स्थगित कर दिया है अब यह कैंप सितम्बर या अक्टूबर माह में किया जाएगा।

श्री गर्ग ने बताया कि संतुलन के द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि अगर उन्हें ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जो कैंसर की बीमारी के होते हैं तो वह चिकित्सक को दिखाए और इसका उपचार शुरू कराएं। इसके अलावा कैंसर की बीमारी का इलाज किन अस्पतालों में होता है। इलाज में सरकारी और निजी संस्थाओं द्वारा कहां-कहां से मदद मिलती है इसका भी प्रचार किया जाता है।

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