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‘ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान हुआ बेनकाब’ – अमित शाह का बड़ा बयान

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज 22वें बीएसएफ अलंकरण समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बीएसएप जवानों के शौर्य की कहानी को बताया। साथ ही भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी उन्होंने बात की।

गृहमंत्री शाह ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने इस तथ्य को पूरी तरह उजागर कर दिया है कि भारत में आतंकवाद पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, एजेंसियों से प्राप्त सटीक खुफिया जानकारी और सशस्त्र बलों की घातक क्षमताओं को दिखाता है।

पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों को मारा: शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर बाद जब पाकिस्तान ने कुछ भारतीय नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का दुस्साहस किया तो भारत ने पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर तक हमला किया, जिसमें नौ आतंकवादी शिविर नष्ट कर दिए गए।

गृहमंत्री शाह ने कहा कि आतंकवादियों ने पहलगाम में एक चरम हमला किया, जिसमें उन्होंने चुनिंदा निर्दोष लोगों को चुना, उनका धर्म पूछा और महिलाओं और बच्चों सहित उनके परिवारों के सामने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि यह पाप पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किया गया था।

'ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की प्रतिक्रिया अलग थी'
गृहमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की प्रतिक्रिया अलग थी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को महज कुछ मिनटों में नष्ट कर दिया।

शाह ने कहा कि भारत की ओर से केवल आतंकी सिविरों पर हमला किया गया, पाकिस्तान के किसी भी नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमने केवल पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने इसे अपने ऊपर हमला माना। ऑपरेश सिंदूर के दौरान 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया।

बांग्लादेश को अमित शाह ने समझा दिया
वहीं, इस कार्यक्रम में बीएसएफ जवानों की सराहना करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश को स्पष्ट रूप से समझा दिया। बीएसएफ की सराहना करते हुए अमित शाह ने कहा कि 1971 के युद्ध में बीएसएफ द्वारा दिखाई गई बहादुरी और बांग्लादेश के निर्माण में बल द्वारा किए गए योगदान को भारत नहीं भूल सकता और न ही बांग्लादेश को इसे कभी भूलना चाहिए।

गृहमंत्री शाह ने बांग्लादेश को याद दिलाते हुए कहा कि बीएसएफ ने बांग्लादेश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अन्याय के खिलाफ लड़ाई में सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बहादुरी का अनुकरणीय मानक स्थापित किया। गृह मंत्री ने कहा कि 2.75 लाख कर्मियों वाला बीएसएफ भौगोलिक चुनौतियों से ग्रस्त कुछ सबसे कठिन परिस्थितियों में काम कर रहा है।

1965 में हुआ था बीएसएफ का गठन
जानकारी दें कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) का गठन साल 1965 में हुआ था। 1965 में गठित बीएसएफ पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ 6,000 किलोमीटर से अधिक लंबी भारतीय सीमाओं की रक्षा करता है। के एफ रुस्तमजी बीएसएफ के संस्थापक प्रमुख थे।

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