नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize 2025) की घोषणा का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) शुक्रवार को मारिया कोरीना माचाडो (Maria Corina Machado) को दिया गया है। लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि नोबेल पुरस्कार आखिर क्यों दिया जाता है, इसकी शुरुआत कैसे हुई और विजेताओं को कितनी इनामी राशि मिलती है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी सारी अहम बातें।
नोबेल पुरस्कार की शुरुआत कैसे हुई
नोबेल पुरस्कार की शुरुआत स्वीडन के वैज्ञानिक और उद्योगपति अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) ने की थी। 27 नवंबर 1895 को उन्होंने अपनी वसीयत में यह घोषणा की कि उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा मानवता की भलाई में योगदान देने वाले लोगों को पुरस्कृत करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु से एक साल पहले उन्होंने यह वसीयत लिखी थी, जिसमें उन्होंने अपनी 31 मिलियन स्वीडिश क्रोना की संपत्ति (आज की तारीख में करीब 2.2 बिलियन स्वीडिश क्रोना) इस उद्देश्य के लिए दान की थी।
नोबेल पुरस्कार क्यों दिया जाता है
नोबेल पुरस्कार हर साल उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में मानवता के लिए विशेष योगदान दिया हो।
इसकी शुरुआत 1895 में हुई थी, और इसे पांच प्रमुख क्षेत्रों में दिया जाता है —
- भौतिकी (Physics)
- रसायन विज्ञान (Chemistry)
- शरीर क्रिया विज्ञान या चिकित्सा (Physiology or Medicine)
- साहित्य (Literature)
- शांति (Peace)
बाद में, 1968 में अर्थशास्त्र (Economics) को भी इसमें शामिल किया गया।
नोबेल विजेताओं को कितनी इनामी राशि मिलती है
नोबेल पुरस्कार जीतने वालों को न केवल विश्व स्तर पर सम्मान मिलता है बल्कि उन्हें बड़ी धनराशि भी दी जाती है।नोबेल समिति की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, विजेताओं को हर साल निवेश से हुई आय से पुरस्कार राशि दी जाती है।वर्तमान में, एक नोबेल विजेता को लगभग 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (करीब 8 करोड़ 60 लाख रुपये) तक की इनामी राशि दी जाती है।
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2025 के नोबेल पुरस्कारों की झलक
इस साल की घोषणा 6 अक्टूबर से शुरू हुई थी।मैरी ई. ब्रूनको, फ्रेड रैम्सडेल और डॉ. शिमोन साकागुची को नोबेल पुरस्कार इन मेडिसिन से सम्मानित किया गया है।वहीं अब मारिया कोरीना माचाडो को उनके शांति स्थापना के प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार 2025 दिया गया है।