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संघ के शताब्दी वर्ष पर 9 बस्तियों से निकला भव्य पथ संचलन

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खबरवाणी

स्वयंसेवकों ने बनाई भारत माता की जय की अद्भुत आकृति

संघ के शताब्दी वर्ष पर 9 बस्तियों से निकला भव्य पथ संचलन

पुष्पवर्षा कर, शंखध्वनि और मंजीरे बजाकर स्वयंसेवकों का किया स्वागत
फोटो –
बैतूल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर बैतूल नगर सहित जिले के विभिन्न स्थानों पर रविवार को भव्य पथ संचलन का आयोजन सम्पन्न हुआ। बैतूल नगर की नौ बस्तियों से एक साथ प्रातः 8 बजे पथ संचलन का शुभारंभ हुआ। संचलन नगर के प्रमुख मार्गों से निकलते हुए प्रातः 10 बजे एस.पी. ऑफिस चौक पर एकत्रित हुआ, जहां इसका दृश्य अत्यंत भव्य और अनुशासित स्वरूप में दिखाई दिया। इसके पश्चात सभी स्वयंसेवक लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम में एकत्र हुए, जहां हजारों स्वयंसेवकों ने भारत माता की जय आकृति में मानव श्रृंखला का निर्माण किया, जिसका दृश्य अत्यंत अद्भुत, मनमोहक और प्रेरणादायी रहा।
पथ संचलन मार्ग पर नागरिकों और मातृशक्ति ने रंगोली बनाकर, पुष्पवर्षा कर, शंखध्वनि और मंजीरे बजाकर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। अनुशासन, उत्साह और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण यह दृश्य नगरवासियों के लिए अविस्मरणीय बन गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हेमंतचंद्र बबलू दुबे रहे। मंच पर जिला संघचालक बुधपालसिंह ककोड़िया, नगर संघचालक संजय घिंघोड़े तथा मुख्य वक्ता पुरुषोत्तम शर्मा (प्रांतीय पर्यावरण गतिविधि के सह संयोजक) उपस्थित थे। कार्यक्रम का प्रारंभ अमृतवचन और एकल गीत से हुआ। मुख्य वक्ता पुरुषोत्तम शर्मा ने संघ की स्थापना वर्ष 1925 से लेकर अब तक के 100 वर्षों के संघटन, अनुशासन और सेवा के कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे संघ ने संघर्षों और संकटों के बीच अपनी विचारधारा को और अधिक सुदृढ़ किया तथा राष्ट्र निर्माण के हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज वह शक्ति है जो एक हाथ में प्रलय और दूसरे में सृजन लेकर चलता है। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना के 15 वर्षों में ही इसे पूरे देश में विस्तार दिया। द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर (श्री गुरुजी) ने समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में संघ के नए आयाम स्थापित किए। तृतीय सरसंघचालक बालासाहब देवरस ने सामाजिक समरसता को केंद्र में रखा। चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) ने सेवा कार्यों को जीवन का ध्येय बनाया, जबकि पंचम सरसंघचालक सुदर्शनजी ने कार्य की गुणवत्ता को सर्वोपरि रखा। वर्तमान सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने समाज जागरण और समन्वय की भावना को विश्व के 56 देशों तक पहुचाया।
– 15 से 30 नवम्बर तक व्यापक गृह संपर्क अभियान
श्री शर्मा ने बताया कि शताब्दी वर्ष के द्वितीय चरण में 15 से 30 नवम्बर तक व्यापक गृह संपर्क अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान नगर और खंड स्तर पर बड़ी संख्या में संपर्क टोली द्वारा घर-घर जाकर संघ के कार्य और उद्देश्यों की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन के अंतर्गत सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी, पर्यावरण और नागरिक कर्त्तव्य जैसे विषयों को अपनाने का आह्वान किया गया है।
इसी क्रम में जिले के विभिन्न ग्रामीण अंचलों में भी पथ संचलन का आयोजन हुआ। रानीपुर में अनिल अग्रवाल, धामनगांव में अमोल पानकर, सावलमेढा में शिवशंकर जी, बैतूल बाजार में अभिषेक जैन, भीमपुर, तावड़ी, चिखली, झापल और नांदा में पुरुषोत्तम शर्मा, चोपना में संजय चौहान, कुंडी में नितिन मेहतो, सलैया में मनोज नागवंशी, गोंडू मंडई में महेश्वर भलावी, बोरगांव जीन में शिवराज झाड़े तथा खंडारा में विजय हारोड़े मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

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