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जातिगत गणना का राजनैतिक लाभ उठाने के द्रुमक के प्रयासों की निर्मला ने की आलोचना 

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार के दावे को खारिज किया। साथ ही सीतारमण ने इस कदम का ‘‘राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास के लिए डीएमके की आलोचना की। सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जातिगत गणना को मंजूरी दे दी है। इस जाति जनगणना से जुटाए आंकड़ों से मोदी सरकार समाज के गरीब और हाशिए पर पड़े वर्गों की बेहतर मदद कर सकेगी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने द्रमुक शासन में राज्य के एक गांव में हुई घटना का भी हवाला दिया, जहां कथित तौर पर पेयजल में मानव मल-मूत्र मिला हुआ था। सीतारमण ने कहा, ‘‘उनका (द्रमुक) कहना है कि उत्तर भारत के कुछ राज्य पिछड़े हुए हैं लेकिन इसतरह के राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं नहीं हुई हैं। इसलिए, द्रमुक के इस तर्क में कोई दम नहीं है कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का केंद्र का फैसले उनकी जीत है। दरअसल दिसंबर 2022 में वेंगाइवायल गांव में अनुसूचित जाति के आवासीय इलाके में एक पानी की टंकी में कथित तौर पर मानव मल-मूत्र मिला था। स्टालिन ने कहा था कि आगामी जनगणना अभ्यास में जातिगत गणना को शामिल करने का केंद्र का फैसला उनकी पार्टी और द्रमुक सरकार के लिए ‘‘कड़े परिश्रम से हासिल जीत है। द्रमुक पर हमला कर सीतारमण ने कहा कि आज भी तमिलनाडु में दुकानों के बोर्ड पर मालिकों के समुदाय के नाम लिखे होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस पर कोई राजनीतिक टिप्पणी करने के बजाय मैं ईमानदारी से चाहती हूं कि हमें इस बात पर चर्चा करनी चाहिए कि हम उन लोगों की कैसे मदद कर सकते हैं जो गरीब और दलित हैं। उन्होंने कहा, केंद्र किसी भी कॉर्पोरेट का पक्ष नहीं ले रहा है। दूसरी बात प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने विड़िण्गम बंदरगाह का उद्घाटन किया। लेकिन, इस ओमन चांडी (दिवंगत) नीत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने औपचारिक रूप से अदाणी समूह को सौंप दिया था। द्रमुक के दावे कि केंद्र राज्य को धन नहीं दे रहा है, सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं जब भी यहां आती हूं, तब तमिलनाडु को कितना धन आवंटित किया गया है इसका आंकड़ा साझा करती हूं। लेकिन वे (तमिलनाडु सरकार) इस तरह की टिप्पणी (कि केंद्र ने कोई धन जारी नहीं किया) करते रहे हैं। 

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