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निकोलस पूरन किसी योद्धा से कम नहीं, 19 साल की उम्र में खत्‍म था करियर

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नई दिल्ली। मौत को करीब से छूकर लौटने वाले शख्स को असली योद्धा कहते हैं। क्रिकेट की दुनिया में ऐसे कई क्रिकेटर देखे गए, जिन्होंने गंभीर एक्सीडेंट या चोट के बाद वापसी ऐसी की, फिर उनकी कहानी जीती-जागती मिसाल बन गई। ऐसी ही एक कहानी रही, वेस्टइंडीज के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज निकोलस पूरन की, जिन्होंने सोमवार रात 29 की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया।

पूरन को क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक माना जाता है, लेकिन मैदान पर छक्के-चौके लगाने वाले पूरन की जिंदगी में भी उतार-चढ़ाव रहे।

महज 19 साल की उम्र में उनका भयानक एक्सीडेंट हुआ, जिसके बाद ऐसा लग रहा था कि उनका करियर खत्म हो ही गया है, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी अटूट हिम्मत और कड़ी मेहनत से उन्होंने सिर्फ मौत को मात ही नहीं दी, बल्कि क्रिकेट के मैदान पर वापसी कर असंभव को संभव किया।

निकोलस पूरन का 10 साल पहले ही लगभग खत्म हो चुका था करियर

दरअसल, जनवरी 2015 में, जब निकोलस पूरन 19 साल के थे, तब त्रिनिदाद के सेंट मैरी में उनका एक भयानक एक्सीडेंट हुआ, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस दुर्घटना के बाद, उनके घुटने और टखने में काफी चोटें आईं, जिसके लिए उन्हें कई सर्जरी करवानी पड़ीं।

एक समय तो ऐसा भी आया था जब डॉक्टरों ने भी हिम्मत हार ली थी और फिर से क्रिकेट खेलने की संभावना पर उन्हें शक था। काफी समय तक पूरन को व्हीलचेयर पर रहना पड़ा और फिर से चलने के लिए महीनों तक कड़ी रिहैबिलिटेशन से गुजरना पड़ा।

लेकिन कड़ी मेहनत और हिम्मत न हारने वाली उनकी सोच ने सभी मुश्किलों को पार किया और न केवल मैदान पर उन्होंने वापसी की, बल्कि दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक बनकर दिखाया।

एक्सीडेंट ने बनाया अच्छा इंसान

वहीं, वेस्टइंडीज के पूर्व टी20I कप्तान पूरन ने अपने इस एक्सीडेंट के बारे में पहले बताया था कि वह उनके जीवन के सबसे मुश्किल 6 महीने थे, लेकिन इस दौर ने उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया।

उन्होंने ये कहा था कि मैंने सफलताओं को जिस धैर्य से लिया, उसी धैर्य से असफलताओं को लेना भी सीखा। मैंने जीवन में किसी भी चीज को हल्के में न लेना सीखा। इस अनुभव ने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड एलिसा (जिनसे उन्होंने बाद में शादी की) को और भी अधिक महत्व देना सिखाया। मैंने थोड़ी और प्रार्थना करनी शुरू कर दी, थोड़ा और विश्वास करना शुरू कर दिया, हर दिन को पार करने की ताकत मांगने लगा था।

निकोलस पूरन की कहानी युवाओं के लिए बनी प्रेरणा का स्त्रोत

इसके बाद पूरन ने रिहैब किया और क्रिकेट के मैदान पर शानदार वापसी कर हर किसी का दिल जीत लिया। कभी अपने पैरों पर खड़े भी नहीं होने वाले पूरन ने ये साबित कर दिखाया कि हिम्मत हो तो सबकुछ मुमकिन हैं। उनकी कहानी आज कई युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुकी हैं। उनकी यह वापसी सिर्फ खेल के लिए नहीं, बल्कि जीवन में कभी हार न मानने की सीख देती है।

कौन हैं पूरन की वाइफ?

निकोलस पूरन की वाइफ का नाम मिगुएल कैथरीन हैं, जो की उनकी बचपन की दोस्त हैं। दोनों की पहली मुलाकात स्कूल के दिनों में हुई थी और उसी समय दोनों को एक-दूजे से प्यार हो गया था। 6 साल तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद साल 2020 में सगाई की और उसके अगले ही साल दोनों ने शादी कर ली। 

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