नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों प्रकरणों का हुआ निराकरण
National Lok Adalat – बैतूल। लोक अदालत का है यह नारा… ना कोई जीता और ना कोई हारा….! इसको चरितार्थ करने में नेशनल लोक अदालत की अहम भूमिका होती है। आज जिले में नेशनल लोक अदालत के तहत 19 खण्डपीठ की स्थापना की गई थी।यहां पर आए विभिन्न तरह के मामलों ेमें राजीनामा कराने का प्रयास किया। जिसमें कई मामलों में सफलता भी मिली। इस लोक अदालत की खास बात यह है कि आज कई ऐसे टूटते परिवार फिर से एक हो गए जो कि लंबे समय से अलग-अलग रह रहे थे। न्यायाधीश, वकीलों की समझाईश पर जब दोनों पति-पत्नी साथ रहने को तैयार हुए तो उन्हें सभी ने बधाई भी दी। दम्पत्तियों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर पुर्न नया जीवन जीने को तैयार हुए हैं यह नेशनल लोक अदालत की बड़ी उपलब्धि है।
निराकृत हो रहे अधिकांश मामले: श्री प्राण | National Lok Adalat
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नेशनल लोक अदालत को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री प्राणेश कुमार प्राण ने बताया कि आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है। पूरे जिले में 19 खण्डपीठ की स्थापना की गई है। सारे जज, खण्डपीठ के सदस्यगण, अधिवक्तागण और न्यायालीन कर्मचारी गण इस लोक अदालत में एक नया मुकाम हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं। अभी तक कुटुम्ब न्यायालय में लगभग आधा सैकड़ा मामले समझौता से निराकृत हो चुके हैं।
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एक साथ रहने खुशी-खुशी घर गए दम्पत्ति
इसमें से चार-पांच ऐसे मामले में हैं जिसमें पति-पत्नी अलग-अलग रह रहे थे वो अब खुशी-खुशी नया जीवन प्रारंभ करने के लिए अपने घर रवाना हुए हैं। ईश्वर उनके जीवन को सुखमय बनाए। अगर वह साथ में आगे भी रहते हैं तो यह नेशनल अदालत की बड़ी उपलब्धि होगी। इसके अलावा भी अदालतों में कई मामले निपट रहे हैं। राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण भी अच्छी संख्या में निपट रहे हैं। विद्युत विभाग के प्रकरणों का भी निराकरण हो रहा है।
पीडि़ता को दिलाया मुआवजा | National Lok Adalat
अधिवक्ता हीरामन सूर्यवंशी ने बताया कि राजकुमार आदिवासी चिचोली मोटर साइकिल से जा रहा था। उसे एक एम्बुलेंस ने टक्कर मार दी थी। राजकुमार का बैतूल और भोपाल में उपचार किया गया था। इस दौरान बीमा कंपनी को न्यायाधीश और वकीलों ने की भी समझाईश दी जिसके बाद पीडि़त को 35 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है। पीडि़त इस राशि से और उपचार करा सकता है।
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