Nano Urea: अब यूरिया के झंझट से मिलेगी निजात, बोरी का काम करेगी बोतल इफको ने किसानों की सुविधा के लिए नैनो लिक्विड यूरिया लॉन्च किया है. आधुनिकता के हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। वही कृषि क्षेत्र भी अब विकसित होने लगा है। भारत की इफको कंपनी ने हाल ही में देश-विदेश के किसानों को तोहफे के रूप में “नैनो यूरिया” लॉन्च किया हैअब दानेदार यूरिया खाद से मिलेगा छुटकारा स्प्रे से ही खेत में लहराएगी हरी भरी फसल।।
Nano Urea: अब दानेदार यूरिया खाद से मिलेगा छुटकारा स्प्रे से ही खेत में लहराएगी हरी भरी फसल।
नैनो यूरिया लॉन्च किया
हाल ही में देश की सहकारी कंपनी इफको ने किसानों के लिए एक खास तरह का “नैनो यूरिया” लॉन्च किया है, जिसके आने से अब देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के किसान एक के बजाय 500 एमएल तरल यूरिया प्राप्त कर सकते हैं। बोरा (45 किग्रा) यूरिया। बोतल में काम करेगा। इफको के वैज्ञानिकों ने अपनी कंपनी की 50वीं वर्षगांठ पर दुनिया का पहला नैनो फर्टिलाइजर- “नैनो यूरिया” लॉन्च कर सबको चौंका दिया और देश-दुनिया के किसानों को तोहफा दिया.
इफको नैनो यूरिया
जानिए नैनो यूरिया के बारे में
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) ने तरल रूप में यूरिया उर्वरक पेश किया है जो किसानों के लिए दुनिया का पहला यूरिया तरल उर्वरक होने जा रहा है। इफको के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा विकसित नैनो यूरिया आधा लीटर की बोतलों में उपलब्ध होगा, जो किसानों को अपने गुणों और कीमतों के मामले में बेहद आकर्षक लगेगा। इफको नैनो लिक्विड यूरिया वर्तमान में कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। होगा
जानिए नैनो यूरिया के दाम
अब दानेदार यूरिया खाद से मिलेगा छुटकारा स्प्रे से ही खेत में लहराएगी हरी भरी फसल।नैनो यूरिया की कीमत की बात करें तो इफको ने किसानों के लिए 500 एमएल नैनो यूरिया की बोतल की कीमत करीब 240 रुपए तय की है। आपको बता दें कि नैनो यूरिया की कीमत पहले उपलब्ध 45 किलो यूरिया बैग से 10 फीसदी कम है। .
जानिए नैनो यूरिया की खूबियां
तरल यूरिया की एक 500 मिली बोतल यूरिया की 1 (45 किग्रा) बोरी/बैग के बराबर काम करेगी।
नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत सामान्य यूरिया की एक बोरी से 10 फीसदी तक सस्ती है।
इस नैनो तरल यूरिया का देश भर में 11,000 कृषि क्षेत्रों में 94 से अधिक फसलों पर परीक्षण किया गया था।
इफको का कहना है कि नैनो लिक्विड यूरिया का परीक्षण 94 फसलों पर किया गया है, जिससे उपज में औसतन 8 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.
नैनो यूरिया को ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ के आधार पर विकसित किया गया है।
इस उर्वरक का अनुसंधान एवं विकास गुजरात के कलोल “नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर” द्वारा स्वदेशी एवं स्वामित्व प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया गया है।
तरल यूरिया से देश में बढ़ रहे यूरिया खाद (बैग/बोरा) के उपयोग को कम करने में मदद मिलेगी।
तरल नैनो यूरिया के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व मिलेंगे और मिट्टी में यूरिया के अत्यधिक उपयोग में कमी आएगी।
यह भूमिगत जल की गुणवत्ता और जलवायु परिवर्तन को नुकसान पहुंचाए बिना उन्नत कृषि की दिशा में कारगर साबित होगा।
वर्तमान समय में यह खेती में बढ़ती लागत को कम करने में सहायक होगा, जिससे किसानों की आय में निश्चित रूप से वृद्धि होगी।
नैनो यूरिया मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाए बिना फसल के लिए फायदेमंद रहता है।
इफको नैनो लिक्विड यूरिया पारंपरिक यूरिया से काफी सस्ता होने जा रहा है।
पौध पोषण में सहायक, फसल की उपज बढ़ाने में सहायक।
इफको नैनो यूरिया 45 किलो यूरिया बैग के बराबर काम करेगा और परिवहन और भंडारण की लागत कम और आसान होगी।