पूरे प्रदेश में आधे से अधिक युवा है मतदाता, राजनैतिक दल युवाओं को देखकर बना रहे रूपरेखा
MP Vidhan Sabha Election – नई दिल्ली – मध्यप्रदेश में कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव होना है। इस चुनाव में आधे से अधिक मतदाता युवा वोट डालेंगे। युवा मतदाताओं की संख्या को देखते हुए राजनैतिक दल भी इन्ही पर फोकस करते हुए अपनी रूपरेखा बना रहे हैं ताकि चुनाव में विजयश्री हासिल कर सकें। एक जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में आधे से अधिक मतदाता युवा हैं। इसी संख्या में दृष्टिगत रखते हुए सियासी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
52 फीसद युवा है मतदाता | MP Vidhan Sabha Election
इस साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल तैयारी में जुट गए हैं और सभी की तैयारियों के केंद्र में मप्र का युवा है। इसकी बड़ी वजह है- प्रदेश के 52 प्रतिशत वोटर का पूरी तरह यंग होना। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब युवा वोटर इतने ज्यादा हैं। प्रदेश में अभी कुल अनुमानित आबादी 8.25 करोड़ है। इनमें 28549138 वोटर ऐसे हैं, जिनकी उम्र 18 से 39 साल के बीच है।
Also Read – Automatic Car – घर ले आएं 5 लाख से भी कम में ये कार, गियर बदलने की समस्या खत्म
जबकि 40 से ऊपर की आबादी 48 प्रतिशत है। साल 2000 में मप्र से अलग होकर छत्तीसगढ़ बना। पिछले चार विधानसभा चुनावों का वोट ट्रेंड देखें तो युवा वोटर ने सरकार बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाई है। 1 जनवरी 2023 की स्थिति में मप्र में 53987876 वोटर हैं। इनमें 30 लाख ऐसे हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे। इन्हीं नए वोटरों को ध्यान में रखकर राजनीतिक दल अपने कार्यक्रम यूथ पर केंद्रित रख रहे हैं।
रोजगार कार्यालयों में अभी भी 40 लाख रजिस्ट्रेशन | MP Vidhan Sabha Election
भारत सरकार के ई-श्रम पोर्टल में मप्र के 1 करोड़ 64 लाख लोगों ने मजदूर के रूप में रजिस्ट्रेशन करवाया है। ये श्रमिक प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने से लेकर हायर सेकंडरी और ग्रेजुएट तक हैं। इसके अलावा 40 लाख शिक्षित बेरोजगार श्रम कार्यालयों में रजिस्टर्ड हैं। इनमें 2020 में ही 12 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
चार चुनावों का ट्रेंड- हर बार 30 प्रतिशत से ज्यादा रहे नए वोटर | MP Vidhan Sabha Election
2003- तब 3 करोड़ 79 लाख कुल वोटर थे। इनमें 30प्रतिशत से ज्यादा नए थे। कुल 2.62 करोड़ ने वोट किया। 67.25प्रतिशत वोटिंग हुई थी। भाजपा को कांग्रेस से 10प्रतिशत ज्यादा वोट मिले थे। तब भाजपा 173 तो कांग्रेस 38 सीटें जीती थी। इस चुनाव में बेरोजगारी ही अहम मुद्दा था।
Also Read – PM Kisan Yojana- केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा! इस स्कीम के तहत मिल सकते हैं 8 हजार रूपये
2008- कुल 3.62 करोड़ वोट थे, जिनमें 2.51 करोड़ ने वोट किया था। वोटिंग प्रतिशत 69.28 था। कुल वोटरों में 32त्न युवा थे। भाजपा को कांग्रेस से 5.24त्न वोट ज्यादा मिले थे। तब भाजपा को 143 और कांग्रेस को 71 सीट मिली थीं।
2013- कुल 4 करोड़ 66 लाख वोटर थे, जिनमें से 3,36,12,951 ने वोट किया। युवा वोटर 32 प्रतिशत से 35 प्रतिशत थे। वोटिंग प्रतिशत 72.07 रहा। भाजपा को कांग्रेस से 8.4 प्रतिशत वोट ज्यादा मिले। भाजपा को 166 और कांग्रेस को 58 सीटें मिली।
2018- कुल 5.03 करोड़ वोटर थे, इनमें 3.81 करोड़ ने वोट किया था। वोट प्रतिशत 74.96 था, जो बीते 3 चुनावों में सबसे ज्यादा था। 36 प्रतिशत वोटर नए थे। लेकिन भाजपा को कांग्रेस से सिर्फ एक फीसदी ही वोट ज्यादा मिले थे। कांग्रेस को 114 तो भाजपा को 109 सीटें मिली थीं।
Source – Internet