अभी तक एक विषय में फेल होने पर छात्र-छात्राएं पूरक परीक्षा में शामिल होते थे. वहीं फेल छात्र-छात्राएं राज्य ओपन बोर्ड द्वारा आयोजित ‘रुक जाना नहीं’ योजना के तहत परीक्षा में शामिल होते थे. अब नया फैसला लिया गया है जिसमें एक या अधिक विषय में फेल छात्र-छात्राएं द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. निर्णय शिक्षा सत्र 2024-25 की परीक्षा से लागू होगा. मध्य प्रदेश बोर्ड की पहली परीक्षा 24 फरवरी से आयोजित होने वाली है. मुख्य परीक्षा के परिणाम के बाद जुलाई में द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा आयोजित होगी. हर साल 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा में करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं.
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए बड़ा निर्णय लिया है. अब दो मुख्य परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें दूसरी परीक्षा फेल होने वाले विद्यार्थियों के लिए होगी. यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लागू किया गया है. दोनों परीक्षाओं में अब पूरक का प्रविधान खत्म किया जा रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह निर्णय लागू किया गया है. इसके आधार पर वार्षिक परीक्षा का परिणाम तैयार किया जाएगा.
पिछले साल 10वीं व 12वीं में करीब 2.20 लाख छात्र-छात्राओं को पूरक मिली थी. वहीं 5.60 लाख विद्यार्थी फेल हुए थे. अब कोई भी विद्यार्थी 10वीं या 12वीं की परीक्षा में एक या दो विषय में फेल हुआ या कम नंबर आए तो वह जुलाई में आयोजित द्वितीय अवसर की मुख्य परीक्षा में एक या दो विषय की परीक्षा दे सकता है. चाहे तो वह सभी विषयों की परीक्षा भी दे सकता है. उसके अच्छे अंकों के आधार पर परिणाम तैयार किया जाएगा. यह पूरक परीक्षा के स्थान पर आयोजित की जाएगी. दोनों परीक्षाओं में विषयों के अच्छे नंबरों के आधार पर विद्यार्थियों की मुख्य अंकसूची तैयार की जाएगी. बता दें, दो मुख्य परीक्षाओं का माडल गुजरात व छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष से लागू हो चुका है.