Modernization: मध्य प्रदेश में जल्द ही फायर ब्रिगेड सिस्टम का आधुनिकरण किया जाएगा। अब सतपुड़ा और वल्लभ भवन जैसी ऊंची इमारतों की आग बुझाने के लिए नई और उन्नत तकनीक वाली मशीनें लाई जाएंगी। सरकार ने इस योजना के लिए 400 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है, जिसमें 300 करोड़ रुपये केंद्र और 100 करोड़ रुपये राज्य से आवंटित होंगे। योजना के तहत, आधुनिक फायर टेंडर और प्रशिक्षित एक्सपर्ट्स की नियुक्ति की जाएगी, और एक विशेष कैडर का निर्माण किया जाएगा जिसमें हर निकाय में फायर सेफ्टी अधिकारी होंगे।इस नई प्रणाली के तहत, अग्निशमन सेवा के लिए एक नया डायरेक्टोरेट स्थापित किया जाएगा, जिसमें पुलिस फायर स्टेशन के 250 कर्मचारी भी शामिल होंगे। इस डायरेक्टोरेट के तहत हर नगर निकाय में फायर सेफ्टी अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही, सभी सरकारी और निजी भवनों का फायर ऑडिट नियमित रूप से किया जाएगा। आग से सुरक्षा के उपायों का पालन न होने पर संबंधित भवनों को नोटिस जारी किया जाएगा, और लगातार उल्लंघन की स्थिति में बिल्डिंग को सील करने की कार्रवाई भी की जा सकेगी। 2019 में, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अपने-अपने फायर एक्ट बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद 2020 में मध्य प्रदेश में फायर एक्ट की तैयारी शुरू हुई और 2022 में नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय ने इसका ड्राफ्ट तैयार करके इसे “मप्र अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम-2022” का नाम दिया।इस आधुनिकीकरण के साथ, राज्य के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निशमन सेवाओं का विस्तार होगा, जिससे इन क्षेत्रों में आपातकालीन स्थिति में बेहतर और तेज सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
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