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Medical Oxygen Issue – बिना लाइसेंस बन रही मेडिकल ऑक्सीजन

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कलेक्टर के निर्देश पर तिरूपति इंटरप्राईजेस का किया निरीक्षण, बोले ड्रग इंस्पेक्टर मैन्यूफैक्चरिंग और रिफिलिंग का नहीं है लाइसेंस

बैतूल – Medical Oxygen Issue – कोरोना काल में अमानक ऑक्सीजन से कई मरीजों की मौत हो जाने के बाद भी मरीजों की जान के साथ किस कदर खिलवाड़ किया जा रहा है। इसका खुलासा सांध्य दैनिक खबरवाणी ने किया है। दरअसल तिरूपति इंटरप्राईजेस के पास मेडिकल ऑक्सीजन मैन्यूफैक्चरिंग और रिफलिंग का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद भी धड़ल्ले से ना सिर्फ मेडिकल ऑक्सीजन बनाई जा रही है बल्कि इसकी रिफलिंग भी की जा रही है। इस मामले की शिकायत कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को मिलने के बाद श्री बैंस के निर्देश पर प्रशासन के अधिकारियों ने तिरूपति इंटरप्राईजेस पहुंचकर निरीक्षण किया जिसमें मेडिकल ऑक्सीजन मैन्यूफैक्चरिंग और रिफलिंग बिना लाइसेंस के करना पाया गया है। इस मामले में प्रशासन द्वारा तगड़ी कार्यवाही की जा सकती है।

बिना लाइसेंस के तिरूपति इंटरप्राईजेस बना रहा ऑक्सीजन(Medical Oxygen Issue)

जिले के निजी अस्पतालों में तिरूपति इंटरप्राईजेस के संचालक द्वारा बिना लाइसेंस के मेडिकल ऑक्सीजन मैन्यूफैक्चरिंग कर रिफलिंग की जा रही है जिससे मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस को 30 नवम्बर को रजनीश आर्य की थी। कलेक्टर से की शिकायत में श्री आर्य ने उल्लेख किया था कि तिरूपति इंटरप्राईजेस के पास मेडिकल ऑक्सीजन बनाने और इसकी रिफलिंग करने का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद भी उसके द्वारा मरीजों की जान से खिलवाड़ की जा रही है। श्री आर्य ने इस गंभीर मामले में त्वरित कार्यवाही करने की मांग की थी।

मैन्यूफैक्चरिंग और रिफलिंग का नहीं है लाइसेंस:ड्रग इंस्पेक्टर(Medical Oxygen Issue)

कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम केसी परते और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रोहित डाबर ने संयुक्त रूप से तिरूपति इंटरप्राईजेस का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें संचालक ने दस्तावेज उपलब्ध कराए। इन दस्तावेजों के आधार पर एसडीएम के द्वारा ड्रग इंस्पेक्टर जेपी कुजूर को आगे की जांच सौंपी है। श्री कुजूर का कहना है कि तिरूपति इंटरप्राईजेस के पास स्टाक और सेल्स करने का लाइसेंस है। कहीं से सिलेंडर मंगवाकर वह सप्लाई भी कर सकते हैं। तिरूपति इंटरप्राईजेस के नाम पर मैन्यूफैक्चरिंग और रिफलिंग का कोई लाइसेंस नहीं है। अगर उनके द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन मैन्यूफैक्चरिंग कर रिफलिंग की जा रही है तो यह नियम विरूद्ध है। इसका लाइसेंस कंट्रोलर फूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश से मिलता है जिसे फार्म 25 बोलते हैं जो तिरूपति इंटरप्राईजेस के पास नहीं है।

इनका कहना…

कलेक्टर साहब के निर्देश पर उद्योग विभाग के जीएम और मेरे द्वारा संयुक्त रूप से तिरूपति इंटरप्राईजेस का निरीक्षण किया। उनके द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत किए गए हैं जिन्हें ड्रग इंस्पेक्टर को जांच प्रतिवेदन बनाने के लिए भेज दिए हैं। निरीक्षण के दौरान तिरूपति इंटरप्राईजेस में रिफलिंग होना पाया गया है। संचालक ने उन्हें बताया कि उनके पास सभी तरह के दस्तावेज हैं और वैध रूप से काम कर रहे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर की रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो जाएगा।

केसी परते, एसडीएम, बैतूल
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