मौनी अमावस्या पर शुभ संयोग बन रहा है. उदयातिथि के अनुसार 29 जनवरी को माघी यानि मौनी अमावस्या मानी जाएगी. उस दिन शनि, राहु-केतु दोष से मुक्ति पाने के लिए उपाय करना चाहिए. इससे जीवन में कष्ट कम होंगे और सुख शांति आएगी. पंडितों की मानें तो माघ मास की अमावस्या को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन मौन व्रत रखने से शांति मिलती है. इस दिन दान का बड़ा महत्व बताया गया है. पवित्र संगम, पवित्र नदियों में स्नान और दान करने के लिए तमाम महिमा बताई गई है.
पुराणों के अनुसार इस दिन मौन रहकर स्नान और दान करने का बड़ा महत्व है. मान्यता है कि अगर इस दिन पूर्ण रूप से मौन रहकर स्नान और दान किया जाए, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य, मानसिक शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है. मानसिक समस्याओं, भय, या भ्रम से जूझ रहे लोगों के लिए इस दिन का स्नान अत्यंत लाभकारी होता है.
कुम्भ में मौनी अमावस्या पर बने विशेष संयोग
जाने माने ज्योतिष शास्त्री ने बताया है कि मौनी अमावस्या पर यानी 29 जनवरी 2025 को सूर्य और चंद्रमा दोनों मकर राशि में रहेंगे. वहीं, गुरु का पंचम भाव में स्थित होना अत्यंत शुभ और उत्तम स्थिति का निर्माण कर रहा है. ऐसे में मौनी अमावस्या पर स्नान और दान करना विशेष फलदायी होगा. इसके अलावा इस दिन सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इस दिन की पवित्रता और महत्व को और बढ़ा रहा है. महाकुंभ के चलते मौनी अमावस्या पर शाही स्नान का आयोजन भी किया जाएगा. यह संयोग साल की पहली अमावस्या को और भी खास और शुभ बना रहा है.
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से दोपहर 03 बजकर 05 मिनट तक रहेगा. वहीं, अमृत काल रात 09 बजकर 19 मिनट से रात 10 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस मुहूर्त में स्नान और दान करना शुभ रहेगा. अगर कोई ब्रह्म मुहूर्त में स्नान या दान नहीं कर पाता तो सूर्योदय से सूर्यास्त तक कभी भी स्नान और दान कर सकता है.