Magh Mela 2023: भारत देश में माघ मेला बहुत मशहूर है. साल 2023 में माघ मेला 6 जनवरी 2023 से शुरू होगा और 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि पर समाप्त होगा. इस मेले के साथ ही कल्पवास भी शुरू हो जाता है.
Magh Mela 2023: प्रयागराज में हर साल लगने वाले माघ मेले को शुरू होने में अब एक हफ्ता ही बाकी है. इस साल संगम में लगने वाला यह माघ मेला 6 जनवरी 2023 से शुरू होगा और करीब डेढ़ महीने बाद 18 फरवरी 2023 को समाप्त होगा. इस माघ मेले में हिस्सा लेने के लिए लाखों श्रद्धालु देश-दुनिया से आते हैं. माघ मेले को दुनिया का सबसे बड़े आध्यात्मिक मेला कहा जाता है. त्रिवेणी के संगम पर साधु-संत 30 दिन तक अपना डेरा जमाते हैं. आमजन भी इस दौरान त्रिवेणी पर सादा जीवन बिताते हैं. इसे कल्पवास कहा जाता है.
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माघ मेले का पहला स्नान
साल 2023 में माघ मेला 6 जनवरी, पौष मास की पूर्णिमा से शुरू होगा. माघ मेले का पहला स्नान पौष पूर्णिमा के दिन 6 जनवरी को ही होगा. इसके बाद दूसरा स्नान मकर संक्रांति पर्व पर 14-15 जनवरी को होगा. 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर मेले के समापन के बाद मौनी अमावस्या का स्नान 21 फरवरी, 2023 को होगा. वहीं एक महीने का कल्वपास 5 फरवरी 2023, माघ पूर्णिमा पर खत्म होगा.
Magh Mela 2023: 30 दिन तक चलता है संगम पर कल्पवास, जानिए इतना मशहूर क्यों है यूपी का माघ मेला?
![Magh Mela 2023: 30 दिन तक चलता है संगम पर कल्पवास, जानिए इतना मशहूर क्यों है यूपी का माघ मेला?](https://khabarwani.com/wp-content/uploads/2022/12/mm4.jpg)
माघ मेला प्रमुख हिंदू धार्मिक त्योहार है. यह भगवान ब्रह्मा द्वारा ब्रह्मांड के निर्माण का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया है. माघ मेले में कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान होते हैं. मान्यता है कि जो लोग इस दौरान कल्पवास का पालन करते हैं उन्हें पिछले जन्म में भी किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही वे जन्म-मृत्यु के चक्र से भी मुक्त हो जाते हैं. कल्पवास करने वाले लोगों को कल्पवासी कहा जाता है. कल्पवासी जमीन पर सोते हैं, सादा भोजन करते हैं और अपना पूरा समय त्रिदेवों की भक्ति में लगाते हैं. इस दौरान लोग सूर्य देव की पूजा और यज्ञ भी करते हैं. कल्पवास शैय्या दान के साथ पूरा होता है. यानी कि कल्पवास के बाद व्यक्ति अपने बिस्तर समेत पूरा सामान दान करता है.