IAS success story – डिप्रेशन से लड़ाई लड़ पहले अटेंप्ट में IAS बनीं अलंकृता

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पहले ही प्रयास में हासिल की आल इंडिया में 85 रैंक 

IAS success storyUPSC परीक्षा भारत में होने वाली सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, इतनी कठिनाई होने के बाद भी युवाओं में UPSC एग्जाम फाइट करने का काफी इंटरेस्ट बढ़ गया है। जिससे की कई सक्सेस स्टोरी सामने आने लगी है। ऐसी ही एक सक्सेस स्टोरी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। दरअसल हम एक ऐसी उम्मीदवार के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जहाँ डिप्रेशन के लड़ाई लड़ कर IAS बनने तक का सफर तय किया गया। ये कहानी है IAS अलंकृता पांडे की। 

पहले ही प्रयास में पाई अच्छी रैंक | IAS success story 

आईएएस अलंकृता ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी 2015 परीक्षा में सफलता हासिल की और ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 85 हासिल की. वह 2016 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. शुरुआत में उन्हें पश्चिम बंगाल कैडर आवंटित किया गया था, लेकिन आईएएस अंशुल अग्रवाल से शादी के बाद उन्हें बिहार में इंटर कैडर ट्रांसफर दिया गया। 

डिप्रेशन को हरा कर पाई सफलता | IAS success story 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आईएएस अलंकृता उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली हैं. उनका यूपीएससी सफर आसान नहीं था. उन्होंने 2014 में यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया लेकिन उस साल के बीच में उन्हें व्यक्तिगत संकट से गुजरना पड़ा. अलंकृता दोस्तों और परिवार से डिप्रेशन की दवाएं, एंगर मैनेजमेंट सेशन और काउंसलिंग लेती थीं. उन्हें 2014 में प्रीलिम्स में शामिल होना था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हो सकीं। 

हालांकि, उन्होंने वापसी की और केवल अपने करियर पर फोकस करने का फैसला किया. उन्होंने 2015 में अपने पहले प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की. वह रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करती थीं. यूपीएससी से पहले वह बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में काम करती थीं. उन्होंने एमएनआईआईटी-इलाहाबाद से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। 

Source – Internet 

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