IAS IPS IFS Officers – केंद्र सरकार ने एक एहम फैसला लेते हुए अखिल भारतीय सेवा के अफसरों के लिए बने सर्विस रूल में फिर एक बार संशोधन किया है। इस संसोधन के बाद कोई भी अधिकारी जैसे आईएएस(IAS), आईपीएस(IPS) या आईएफएस(IFS) अपने 6 माह के मूल वेतन (बेसिक सैलरी) से अधिक राशि का ट्रांजेक्शन या लेन-देन शेयर, सिक्यूरिटीज फंड, डिवेंचर्स, इनवेस्टमेंट अथवा अन्य खरीद-बिक्री के लिए करता है तो उसे सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी ।
इस तरह की जानकारी देने के लिए सरकार द्वारा बताया गया है की यह जानकारी अचल संपत्ति के साथ एक कैलेंडर ईयर (वर्ष) में उसे 31 जनवरी से पहले देनी होगी।ऐसा करने के पीछे है ये वजह
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस समय अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी स्टाॅक एक्सचेंज में लिस्टेड चीजों की खरीद-बिक्री ज्यादा करने लगे हैं। साथ ही शेयर में निवेश भी कर रहे हैं। इसकी जानकारी आने के बाद ही पहली बार सर्विस रूल में इसे शामिल किया गया है।
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केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने मार्च में इस सर्कुलर को जारी किया था, जिसे दो दिन पहले सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) ने भी जारी कर दिया। इसके साथ फार्म भी दे दिया गया है। शासन का कहना है कि केंद्र सरकार चाहती है कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी जब भी ऐसा कोई लेन-देन करें, उसकी जानकारी तत्काल अपलोड भी कर दें।
केंद्र सरकार ने कर दिया साफ़ | IAS IPS IFS Officers
केंद्र सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के नियम 16(4) के तहत पूर्व से अधिकारी दो माह के मूल वेतन से अधिक के चल संपत्ति लेन-देन या ट्रांजेक्शन का ब्यौरा देते रहे हैं। उपरोक्त सर्कुलर इस नियम से अलग होगा। अन्य निवेशों में मार्केट लिंक्ड म्यूचुअल फंड के साथ दूसरी बचत योजनाएं शामिल हैं।
देनी होगी ये जानकारी | IAS IPS IFS Officers
डीओपीटी ने जो प्रोफार्मा तय किया है, उसमें अधिकारियों को विकल्प दिया है कि वे लेन-देन या ट्रांजेक्शन का ब्यौरा भी दे सकते हैं। चाहें तो उससे संबंधित दस्तावेज भी अपलोड कर सकते हैं। निवेश के लिए यदि कोई वित्तीय मदद ली गई है तो पर्सनल सेविंग की जानकारी व अन्य स्रोतों से मिले पैसों के बारे में भी बताना होगा। वर्तमान में कितना वेतन मिल रहा है, कहां पदस्थ हैं, कैडर कहां का है आदि भी प्रोफार्मा में दर्ज करनी होगी।